भभुआ. जिले में कृषि विभाग द्वारा अब तक हरी खाद ढैंचा का बीज वितरण नहीं कराने से किसानों के बीच निराशा है. जबकि, इस समय जिले में हो रही बरसात के कारण ढैंचा बीज बुआई का किसानों के पास सर्वोत्तम अवसर था. गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों के अंदर जिले में सोमवार और बुधवार को थोड़े देर के लिए तेज हवा और हल्के ओला वृष्टि के साथ तीखी बरसात हुई है. हालांकि, इस आंधी-पानी से आम और सब्जी की फसलों को तो भारी नुकसान हुआ है. लेकिन, गरमा फसलों जैसे मूंग, उरद, तिल, मक्का आदि को भारी फायदा भी पहुंचा है. यह बरसात ढैंचा बीज की बुआई के लिए भी बेहतर माना जा रहा है, क्योंकि इस बरसात के कारण गेहूं के काटे खेतों में अच्छी खासी नमी बन गयी है. जिसे इस समय ढैंचा के बीच के बुआई के लिए किसान बेहतर मान रहे हैं. लेकिन, जिला कृषि विभाग द्वारा अब तक ढैंचा का वितरण नहीं किये जाने से किसानों के अंदर निराश फैल गयी है और किसान विभाग की ओर ढैंचा का बीच वितरण कराने का इंतजार कर रहे हैं. इधर, इस संबंध में दुर्गावती प्रखंड के जेवरी गांव के किसान संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह, करारी गांव के किसान शिबू खां, पवरा गांव के किसान अनिल सिंह, लसाडी गांव के किसान मारकंडे सिंह आदि सहित कई किसानों ने बताया कि बीज, यंत्र आदि के लिए विभाग किसानों का ऑनलाइन आवेदन तो बहुत पहले मांग लेता है. लेकिन, समय से बीज वितरण नहीं कराने के कारण किसानों के खेती का नुकसान होता है. किसानों ने बताया कि मार्च माह में जब गरमा फसल मूंग, उरद, मक्का आदि के बीच विभाग द्वारा बांटे जा रहे थे, तब कृषि विभाग के पदाधिकारियों द्वारा कहा गया था कि खेतों को तैयार करके रखीयेगा, बाद में ढैंचा का बीज भी वितरण किया जायेगा. लेकिन, अब कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा बताया जा रहा है कि अभी बीज नहीं आया है और अभी भी दो चार दिन की देरी है. किसानों ने बताया कि इस समय खेतों की नमी ढैंचा के बुआई के लिए अनुकूल थी. अगर बाद में विभाग द्वारा ढैंचा के बीच का वितरण भी कराया जाता है और मिट्टी कड़ी हो जाती है, तो उसका लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन किसानों के पास सिंचाई के अपने साधन जैसे बोरिंग, पंप, मशीन आदि उपलब्ध हैं. लेकिन, जिनके पास सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है, वे किसान ढैंचा की खेती नहीं कर पायेंगे. – क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी इधर, इस संबंध में प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शिवजी कुमार से बात की गयी, तो उनका कहना था कि लक्ष्य तो सरकार स्तर से प्राप्त हो गया है. लेकिन, ढैंचा के बीज का आवंटन अभी जिले को नहीं मिला है. जैसे ही बिहार राज्य बीज निगम द्वारा ढैंचा बीज की आपूर्ति की एजेंसी को निर्धारित कर दी जायेगी, वैसे ही ढैंचा का बीज जिले को प्राप्त होने की संभावना है. उम्मीद है 20 मई तक जिले को ढैंचा हरी खाद के बीज का आवंटन प्राप्त हो जायेगा. इन्सेट पिछले साल हुआ था 140 क्विंटल ढैंचा का बीज वितरण प्रतिनिधि, भभुआ. हालांकि, इस साल अभी तक जिला कृषि विभाग द्वारा किसानों को ढैंचा हरी खाद का बीज वितरण नहीं कराया गया है. लेकिन, पिछले साल मई माह में कृषि विभाग द्वारा जिले को आवंटित 140 क्विंटल ढैंचा के बीज का वितरण किसानों के बीच प्रखंड वार कराया गया था. गौरतलब है कि ढैंचा के बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन किये सभी किसानों को हरी खाद ढैंचा का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है. कई किसान अब रसायनिक खाद से बचने का प्रयास कर हरी खाद ढैंचा का ही उपयोग खेती में करना चाहते हैं. क्योंकि, किसानों के अनुसार रसायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता घटती जा रही है. ऐसे में हरी खाद का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने से लेकर अधिक उपयोगी है और अधिक उत्पादन भी होता है. क्योंकि, हरी खाद की पत्तियों को मिट्टी में जोत कर मिलाने से नाइट्रोजन और कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है और खरपतवार पर भी अच्छी रोकथाम लग जाती है.
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