भभुआ सदर.
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर कैमूर जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत फाइलेरिया की पहचान व दिव्यांगता प्रमाण पत्र के साथ मरीजों को एमएमडीपी किट दिये जा रहे है. बुधवार को रामपुर प्रखंड के नौहट्टा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विशेष कैंप का आयोजन कर 10 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. साथ ही किट के फायदे व इस्तेमाल के तरीके बताये गये. रामपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीसीएम राकेश कुमार ने सभी हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को बताया कि यह एक गंभीर बीमारी है. यदि एक बार हो जाए, यह कभी ठीक नहीं हो सकता है. उन्होंने बताया कि यह बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के कटने से होता है और यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 वर्ष के बाद दिखाई देता है. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए सरकार से चलायी जाने वाले अभियान के दौरान दवा का सेवन जरूर करें. साथ ही मरीजों से यह भी अपील की कि अपने आसपास के लोगों को भी इस बीमारी के बारे में बताएं व दवा खाने के लिए प्रेरित करें.= नये मरीजों की हो रही लाइन लिस्टिंग
नौहट्टा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ शुभम सागर ने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र में हाथी पांव से पीड़ित मरीज की लगातार पहचान की जा रही है. इसकी रिपोर्ट जिले को भेजी जा रही है. मौके पर मौजूद वार्ड सदस्य कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि बीमारी को लेकर लोगों को जानकारी दी जाती है. मौके पर सीफार प्रतिनिधि अशोक कुमार मौजूद रहे
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