रामगढ़. सूबे में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सरकार द्वारा जहां करोड़ों रुपये के भवन, संसाधन व बच्चों को ऊंची तालीम देने के लिए शिक्षकों पर प्रत्येक माह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते बच्चों का भविष्य अधर में लटकते दिख रहा है. एक तरफ जहां केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मुख्यालय के दो विद्यालयों को पीएम श्री का दर्जा दे क्षेत्र के बेटे व बेटियों को आधुनिक पद्धति से पढ़ाई करा ऊंची उड़ान भरने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यालय के चार विद्यालयों में शिक्षकों के सही मापदंड नहीं रखने के कारण कहीं शिक्षक के बगैर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही, तो कहीं 129 बच्चों को पढ़ाने के लिए 18 शिक्षक कब्जा जमाये हुए है. खास बात यह कि जिन बेटियों को आधुनिक विधि से तालीम दिलाने के लिए पीएम श्री का दर्जा मिले आदर्श बालिका प्लस टू में नामांकन कराया गया, उक्त विद्यालय में दो माह बाद भी वर्ग सात व आठ की बेटियों को पढ़ने के लिए किताबें ही नहीं मिली हैं. मुख्यालय स्थित चार विद्यालयों के पठन-पाठन व शिक्षकों के तैनाती पर नजर डालें तो कन्या मध्य विद्यालय गोडसरा में वर्ग एक से पांच तक के महज 129 बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में एचएम व दो शिक्षा सेवक सहित कुल 18 शिक्षक मौजूद हैं, जहां मानक के अनुसार शिक्षक जरूरत से काफी अधिक हैं. वहीं, दूसरी तरफ पीएम श्री आदर्श बालिका प्लस टू में वर्ग 6 से लेकर 12 तक 2400 छात्राओं को पढ़ाने के लिए 21 शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं, जहां आज भी कम से कम 20 अतिरिक्त शिक्षकों की जरूरत है. यही हाल पीएम श्री प्लस टू उच्च विद्यालय रामगढ़ का है, जहां छह से 12 तक कुल 1400 बच्चों को पढ़ाने के लिए महज 22 शिक्षक मौजूद है, जहां बच्चों की समुचित पढ़ाई के लिए अभी भी 13 शिक्षकों की जरूरत है. वहीं, इसके ठीक विपरीत कन्या मध्य विद्यालय पर नजर डालें तो 250 बच्चों को पढ़ाने के लिए 14 शिक्षक मौजूद हैं. सूत्रों की माने तो कई ऐसे शिक्षक शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को अपने मेल व अपने रसूख के दम पर विद्यालय में वर्षों से जमे हैं, जिन्हें कोई इधर-उधर करने वाला नहीं है. जबकि, शिक्षा विभाग जहां एक तरफ नगर व सुदूर क्षेत्र से विद्यालय पहुंचने वाले बच्चों को करोड़ों रुपये के बने भवन, संसाधन व प्रत्येक माह शिक्षकों को लाखों रुपये वेतन देकर बच्चों को ऊंची तालीम देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पिछले दो माह से पीएम श्री आदर्श बालिका प्लस टू की वर्ग सात व आठ की छात्राओं को किताबें नहीं देकर वादों का हवा निकाल रही है. ऐसा भी नहीं कि इसकी जानकारी प्रखंड व मुख्यालय के शिक्षा पदाधिकारी को नहीं है, इनको जानकारी देने के दो माह बाद भी बेटियां किताबों से वंचित हैं, ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे अभिभावक किससे गुहार लगाएं, यह उनके बीच यक्ष प्रश्न बना हुआ है. # पीएम श्री प्लस टू उच्च विद्यालय मुख्यालय के पीएम श्री प्लस टू विद्यालय का तमगा मिले विद्यालय में भी छात्रों के अनुसार शिक्षकों की कमी है वर्ग 6 से 12 तक कल छात्रों की संख्या 1400 है, जिन्हें पढ़ाने के लिए 22 शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं. विभाग द्वारा बच्चों को पढ़ने के लिए अब तक 70 प्रतिशत किताबें प्रदान की गयी है. पीएम श्री का दर्जा मिलने के बाद कन्या मध्य विद्यालय रामगढ़, कन्या मध्य विद्यालय गोडसरा, उर्दू प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ व अन्य प्राइवेट विद्यालयों से कुल 243 छात्रों का नामांकन हुआ है. विद्यालय में 6 से 8 तक की पढ़ाई के लिए 6 शिक्षक, जबकि वर्ग 11 से 12 तक के छात्रों की पढ़ाई के लिए सात शिक्षकों की और जरूरत है. # पीएम श्री आदर्श बालिका प्लस टू विद्यालय पीएम श्री का दर्जा प्राप्त हुए आदर्श बालिका प्लस टू विद्यालय में नामांकित 2400 छात्राओं को पढ़ाने के लिए 20 और शिक्षकों की जरूरत है. वर्ग छह से आठ तक की पढ़ाई के लिए लगभग 400 से ज्यादा छात्राओं का नामांकन होने के बाद कन्या मध्य विद्यालय रामगढ़ से केवल दो शिक्षिका का विद्यालय में योगदान लिया गया है. इस तरह विद्यालय में कुल 21, जिसमें 8 शिक्षक व 13 शिक्षिकाएं शामिल हैं. उक्त विद्यालय में कॉमर्स की पढ़ाई नहीं होने के बाद भी विभाग द्वारा जबरन उक्त संकाय के तीन शिक्षक भेज दिये गये हैं. जबकि, छात्राओं को पढ़ाने के लिए व विद्यालय का सही से संचालन करने के लिए अभी भी कम से कम 20 अतिरिक्त शिक्षकों की जरूरत है. # कन्या मध्य विद्यालय गोडसरा कन्या मध्य विद्यालय गोडसरा में वर्ग एक से पांच तक के 129 बच्चों को पढ़ाने के लिए एचएम व दो शिक्षा सेवक सहित कुल 18 शिक्षक मौजूद है. प्रखंड क्षेत्र के अन्य विद्यालयों पर नजर डाले तो कई ऐसे प्राथमिक विद्यालय आज भी है, जहां शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, जिस पर किसी की नजर नहीं जा रही है, विद्यालय की एचएम मीना कुमारी ने कहा बच्चों के नामांकन व उनकी उपस्थिति बढ़ाने को लेकर अभिभावकों के साथ लगातार बैठक व गांव में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. # कन्या मध्य विद्यालय रामगढ़ कम बच्चे ज्यादा शिक्षक मामले में कन्या मध्य विद्यालय रामगढ़ भी पीछे नहीं है. दरअसल, वर्ग छह से आठ तक विद्यालय की 171 छात्राओं व 123 छात्र का नामांकन दोनों पीएम श्री विद्यालय में होने के बाद विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक कुल 250 बच्चों को पढ़ाने के लिए 14 शिक्षक कार्यरत है, जो मानक से अधिक है. उक्त विद्यालय में भी पदाधिकारी को मेल में रखकर काफी दिनों से कई शिक्षक व शिक्षिका आज भी डेरा जमाये हैं.———– # 10 दिनों पहले विद्यालय पहुंची बीइओ के दावे झूठे पीएम श्री का दर्जा मिलने के दो माह बाद एक अप्रैल से 31 मई तक विद्यालय के वर्ग सात व आठ की बेटियों को पढ़ने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा एक भी सेट किताबें आवंटित नहीं की गयी. बीते 23 मई को विद्यालय में वर्ग सात व आठ की छात्राओं को दो माह बाद भी नहीं मिली किताबें शीर्षक के नाम से प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित की गयी खबर के आलोक में चार घंटे के अंदर विद्यालय पहुंची सेवानिवृत हो चुकी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुमारी ने बेटियों को जिला मुख्यालय व अन्य प्रखंड से कुछ ही दिनों में किताबें देने का वादा किया था, लेकिन वायदे के 12 दिनों बाद भी विद्यालय की बेटियां बिना किताब के पढ़ने को विवश हैं. ऐसे में अभिभावक सरकार व शिक्षा विभाग से सवाल कर रहे हैं कि ऐसे करोड़ों रुपये के भवन व संसाधन का क्या लाभ, जब किताबें ही ना हो. भोजन के लिए दूसरे विद्यालय में दौड़ लगा रहे बच्चे मुख्यालय स्थित दो विद्यालयों को पीएम श्री की मान्यता मिलने के बाद वर्ग छह से आठ तक के लगभग 600 छात्र छात्राओं को पढ़ाई के साथ भोजन के लिए अपने पुराने विद्यालयों की दौड़ लगानी पड़ रही है. उक्त दोनों पीएम श्री विद्यालयों से पढ़ाई के बाद मध्याह्न भोजन के लिए अपने विद्यालय कन्या मध्य विद्यालय रामगढ़ व गोडसरा जाने के बाद इन्हें भोजन बिना इनकी उपस्थिति रजिस्टर की जानकारी के उक्त विद्यालय के रसोइए द्वारा आराम से करा दिया जाता है, जो कई सवालिया निशान पैदा कर रहे है. # क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक –उक्त संबंध में पीएम श्री बालिका प्लस टू के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह ने कहा वर्ग सात व आठ की किताबों को लेकर प्रखंड से लेकर जिला तक गुहार लगा चुके, पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय में 20 शिक्षकों की और जरूरत है. मध्याह्न भोजन के लिए छात्राओं की उपस्थिति को लेकर किसी द्वारा नहीं पूछा जाता, कन्या मध्य रामगढ़ से आने वाली छात्राओं को भोजन के समय छुट्टी दे दी जाती है, जबकि कस्तूरबा से आने वाली 150 छात्राएं अपना टिफिन साथ लेकर आती हैं. –पीएम श्री प्लस टू विद्यालय के प्रधानाध्यापक पवन कुमार ने कहा मध्याह्न भोजन के लिए केवल शुक्रवार को दोनों विद्यालयों से बच्चों की उपस्थिति पूछी जाती है, विद्यालय में अभी और 13 शिक्षकों की जरूरत है.
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