सरकार व स्टेट बार काउंसिल से अधिवक्ताओं ने की प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग
मोहनिया
सदर
. रविवार को पटना में दिनदहाड़े अधिवक्ता जितेंद्र मेहता की गोली मार कर की गयी नृशंस हत्या के विरोध में मंगलवार को अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, मोहनिया के सभी अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए न्यायिक कार्य किया. इस घटना से अधिवक्ताओं में काफी नाराजगी देखने को मिली. इस मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने बैठक की. अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम सभी अधिवक्ता आमलोगों को न्याय दिलाने का कार्य करते हैं. लेकिन, हमलोगों के साथ ही अन्याय हो रहा है. जिस तरह अन्य राज्यों में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू है, उसी तरह से बिहार सरकार भी राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें. ताकि अधिवक्ताओं व उनके परिवारों की जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि अब तक कई अधिवक्ताओं की हत्या हो चुकी है. हम सरकार से मांग करते हैं कि अधिवक्ता के हत्यारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और स्पीडी ट्रायल चला कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाये. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कई राज्यों में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट काफी पहले ही लागू कर दिया गया है, लेकिन बिहार में लागू नहीं होने से अपराधियों द्वारा लगातार अधिवक्ताओं की हत्या की जा रही है. यह घटना काफी दुखदायी है. अधिवक्ता लोगों को न्याय दिलाने का कार्य करते हैं. लेकिन, अधिवक्ता और उसका परिवार ही अपराधियों की गोली का शिकार हो रहा है और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. हम सभी अधिवक्ता स्टेट बार काउंसिल और सरकार से मांग करते हैं कि राज्य में अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये. इस दौरान अधिवक्ता बच्चन चतुर्वेदी ने कहा कि सूबे की राजधानी में सरेआम एक अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. इस घटना के साथ राज्य में तेजी से बढ़ते आपराधिक घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में लाॅ ऑर्डर जैसी कोई व्यवस्था नहीं रह गयी है. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ता जा रहा है कि वे जब, जिसको जहां चाहे मार रहे हैं. पुलिस और सरकार अपराधियों के सामने विवश दिखाई पड़ रही है. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता बिंदेश्वरी राम ने कहा कि इस तरह की आपराधिक घटनाएं सरेआम हो रही हैं. महिलाओं के साथ रेप, मर्डर जैसी घटनाओं को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है़ अपराधी जिसको जब जहां चाहते हैं, अपनी गोली का निशान बना रहे हैं. जबकि सुशासन की सरकार और पुलिस सब कुछ चुपचाप देख रही है. राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह धराशायी हो गयी है. इस दौरान बैठक में महिला अधिवक्ता राज कुमारी, अभिषेक कुमार, दिग्विजय सिंह, अनुपम कुमार, अरुण सिंह सहित कई अधिवक्ता शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है