भभुआ कार्यालय.
सदर अस्पताल की स्थिति सुधारने का नाम नहीं ले रही है, स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है. शनिवार को एसएनसीयू के ओपीडी में बच्चों का इलाज पूरे दिन इसलिए नहीं हुआ कि कोई डाटा ऑपरेटर ड्यूटी पर तैनात नहीं था. चिकित्सकों का कहना था कि अब नयी व्यवस्था के अनुसार भव्या के पोर्टल पर ऑनलाइन दवा लिखने का प्रावधान है और इसके लिए डाटा ऑपरेटर की तैनाती की गयी है. हम चिकित्सक के द्वारा दवा व मरीज की परेशानी बतायी जाती है और डाटा ऑपरेटर के द्वारा उसे ऑनलाइन लिखकर दवा काउंटर पर भेज दी जाती है. और फिर मरीज को वहीं से दवा मिल जाती है. लेकिन, शनिवार को सुबह से ही कोई डाटा ऑपरेटर नहीं रहने के कारण मरीज अपने मासूम बच्चों को लेकर पूरे दिन इधर-उधर तड़पते रहे. लेकिन उनकी पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं था. यहां तक कि एसएनसीयू के इंचार्ज एवं चिकित्सक डॉ महताब आलम के द्वारा इसकी सूचना अस्पताल की उपाधीक्षक से लेकर सिविल सर्जन तक को दी गयी, लेकिन कोई ऑपरेटर उपलब्ध नहीं होने के कारण शाम के 5:00 बजे तक मासूम बच्चों के परिजन इलाज के लिए वहां खड़े रहे. इसके बाद फिर स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के यहां इलाज करवाने के लिए गुहार लगते नजर आये.पांच-पांच घंटे तक बच्चों को लेकर परिजन इलाज के लिए करते रहे इंतजार
सदर अस्पताल के कुव्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऑपरेटर के अभाव में शनिवार के सुबह से ही मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा था, लेकिन ऑपरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था कर इलाज को शुरू करने के दिशा में अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया. शाम के 5:00 बजे तक भी वही स्थिति बनी हुई थी. सुबह से लेकर शाम तक अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कोई ऑपरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण मरीज दर-दर की ठोकर खाने को विवश दिखे. लेकिन, उनकी पीड़ा समझने वाला कोई नहीं था, लाचार सिर्फ मरीज ही नहीं दिख रहे थे. बल्कि यही स्थिति एसएनसीयू के चिकित्सक की भी थी. चिकित्सक महताब आलम का कहना था कि मैं यहां इलाज के लिये मौजूद हूं, लेकिन नयी व्यवस्था के मुताबिक हमें ऑनलाइन भव्या के पोर्टल पर ही दवा लिखनी है और उस पोर्टल पर दवा इंट्री करने के लिए डाटा ऑपरेटर की तैनाती की गयी है, लेकिन आज सुबह से ही डाटा ऑपरेटर के नहीं रहने के कारण हम मरीज नहीं देख पा रहे हैं. इसकी सूचना उपाधीक्षक से लेकर सिविल सर्जन तक को दे दी गयी है.
डायरिया व बुखार से पीड़ित दर्जन ऑन बच्चों को लेकर पहुंचे थे परिजन
एसएनसीयू के सामने शनिवार को सबसे अधिक डायरिया व बुखार से पीड़ित बच्चों को लेकर परिजन पहुंचे हुए थे. परिजनों का कहना था कि इलाज शुरू नहीं होने के कारण या दवा नहीं दिये जाने के कारण बच्चों की स्थिति और खराब हो रही है. लेकिन, इन सब से बेखबर अस्पताल प्रशासन कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. अस्पताल के बदतर व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब सुबह से एक डाटा ऑपरेटर तक का वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकती है, तो किसी मरीज की स्थिति गंभीर हो जाये, तो उसे गंभीर स्थिति में आकस्मिक सेवा अस्पताल प्रबंधन कैसे उपलब्ध करा सकता है.क्या कहते हैं मरीज
लक्ष्मीना देवी बताती है कि वह पांच घंटे से अपने चार दिन के नाती को लेकर इलाज के लिए भटक रही है, लेकिन डॉक्टर साहब के रहने के बावजूद इलाज नहीं हो पा रहा है. प्रिया कुमारी बताती है कि उनके बच्चे को दस्त उल्टी एवं बुखार है, लेकिन इलाज के लिए वह काफी देर से यहां पर बैठी हुई है. लेकिन इलाज नहीं हो पा रहा है. बच्चों की स्थिति और खराब हो रही है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉक्टर चंदेश्वरी रजक ने बताया कि शनिवार की शाम को हमें इसकी जानकारी हुई है कि डाटा ऑपरेटर के नहीं रहने के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पाया है. मेरे द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इस मामले में जानकारी लेकर कार्रवाई की जायेगी.
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