मोहनिया सदर. सदर अस्पताल से लगभग 32 किलोमीटर दूर तथा अनुमंडलीय अस्पताल से लगभग 20 किलोमीटर दूर जिले के पूर्वी छोर पर अवस्थित कटराकलां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन विगत 18 फरवरी 2025 को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान कैमूर आये सूबे के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा रिमोट से किया गया था. भले ही भवन बनकर तैयार हो गया है, इसके बावजूद अभी तक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटराकलां के भवन को संवेदक द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सौंपा नहीं गया है. इसका परिणाम की अभी तक भवन में ताला लटक रहा है. एपीएचसी कटराकलां का भवन बन कर तैयार है, जिले में बैठे स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरान उक्त भवन को संवेदक से हैंडओवर लेने का मौखिक फरमान एसडीएच के अधिकारियों को दे रहे हैं, लेकिन विडंबना तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरानों के पास संवेदक का फोन नंबर ही उपलब्ध नहीं है, जिससे कि संवेदक से संपर्क कर उक्त भवन के पूर्ण होने की जांच करा भवन को संवेदक से लिया जा सके, जबकि विगत 18 फरवरी 2025 को ही अपनी प्रगति यात्रा के दौरान सीएम ने रिमोट से उक्त एपीएचसी भवन का उद्घाटन कर दिया था. उक्त भवन के कुछ कमरे वातानुकूलित सुविधाओं से भी सुसज्जित किये गये हैं. # 10 जून 2023 को हुआ था भूमि पूजन मोहनिया विधायक संगीता कुमारी द्वारा 10 जून 2023 को एडिशनल पीएचसी के भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया था. इसके बाद कटराकलां ही नही बल्कि क्षेत्र के लगभग 20 गांवों में लोगों के बीच खुशी का माहौल कायम हो गया था. लोगों के जेहन में एक नयी उम्मीद जागी थी कि एडिशनल पीएचसी का अपना भवन तैयार हो जाने पर चिकित्सक व नर्सों की नियुक्ति हो जायेगी, तो मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलने लगेगी. यदि हम प्रखंड में अवस्थित पांच एपीएचसी की बात करें तो किसी भी एडिशनल पीएचसी पर प्रसव की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसका परिणाम है कि सूदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालीं गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए निजी अस्पतालों में शरण लेना पड़ता है या फिर अपने किसी रिश्तेदार के घर ठहर कर या फिर वाहन रिजर्व कर उन सरकारी अस्पतालों तक पहुंचना पड़ता है, जहां प्रसव की सुविधा उपलब्ध है. प्रखंड में बम्हौरखास, छोटकी कुल्हड़ियां, बहुआरा, कटराकलां व बढुपर में एडिशनल पीएचसी संचालित है, जहां इन सभी एपीएचसी में सिर्फ बढुपर एपीएचसी ही ऐसा है जहां जेनरेटर तक की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन उक्त एपीएचसी तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता उपलब्ध नहीं है. 35 साल बाद एडिशनल पीएचसी को नसीब हुआ अपना भवन कटराकलां में विगत 35 वर्ष पहले से ही अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण के लिए एक एकड़ जमीन आवंटित किया गया था. लेकिन भवन निर्माण की दिशा में पहल शुरु नहीं किये जाने से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलग-अलग जगहों पर शुरू से ही संचालित होता आ रहा है. ग्रामीणों की माने तो शुरू से कटराकलां के पंचायत भवन में ही स्वास्थ्य केंद्र चलता था .हालांकि वहां पर मूलत: सुविधाओं का अभाव था, जिसका शिकार रोगी और नर्सें भी हुआ करती थी. क्योंकि पंचायत सरकार भवन गांव के पश्चिमी छोर पर अवस्थित है, इसके चारों तरफ सिर्फ खेती होती है, जो एनएच से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. यहां डॉक्टरों को पैदल ही आना जाना पड़ता था. लेकिन नया भवन बनने से अब यह दूरी घटकर महज 300 मीटर रह गयी है. पूर्व में यहां सुविधाओं के लिए रोगी व चिकित्सक को सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ता था, अब यहां सुविधाएं आधुनिक रूप से सुसज्जित हो गयी है. # सीमावर्ती क्षेत्र होने से लाभान्वित होंगे कई गांवों के मरीज कटराकलां प्रखंड के पूर्वी छोर पर स्थित है, जहां से महज चार किलोमीटर दूरी पर रोहतास व कैमूर का सीमावर्ती एरिया परसथुआ है, जहां के लोग अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लाभान्वित होंगे. साथ ही कुदरा प्रखंड की ग्राम पंचायत सलथुआ, सरमानपुर, डंगरी, रतिचक, सिलौंधा, कैथिया, कैथिया छावनी, मिश्रवलिया बजरहा के मरीज इसका लाभ उठायेंगे. वहीं, कुदरा प्रखंड की खरहना पंचायत के बहुआरा, सरियाव, धतुरहा, साराडीह, बारुघाट, देवासडिहरा, बभनगावा, बसंतपुर तथा मोहनिया प्रखंड की कटराकला पंचायत के बाघिनीकला, भगवानपुर, करमहरी के मरीजों को इलाज कराने में सहूलियत होगी. # घायलों को भी मिलेगी प्राथमिक इलाज की सुविधा उक्त एडिशनल पीएचसी भवन में इलाज की सुविधा उपलब्ध होने का फायदा उक्त क्षेत्र में एनएच दो पर होने वाले सड़क हादसे में चोटिल लोगों को प्राथमिक इलाज के रूप में मिल सकता है क्योंकि, कटराकलां से अनुमंडलीय अस्पताल की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है. इस क्षेत्र में एनएच पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को प्राथमिक इलाज के लिए ग्रामीण चिकित्सकों के पास ले जाना पड़ता है या फिर अनुमंडलीय अस्पताल. # कटराकलां में अवस्थित है जीएनएम व आइटीआइ काॅलेज जिले का एकमात्र जीएनएम कॉलेज कटराकलां में ही अवस्थित है, जिसमें जिला ही नहीं अपितु राज्य के सभी जिलों की छात्राएं पढ़ाई करती हैं. प्रशिक्षण के लिए इन छात्राओं को अनुमंडलीय अस्पताल व सदर अस्पताल भभुआ जाना होता है. मोहनिया जाने के लिए निजी बस सेवा का कॉलेज प्रशासन द्वारा सहारा लिया जाता है. अगर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटराकलां में गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराने की सुविधा मिलने लगती, तो बड़ी संख्या में इस क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए यहां पहुंचती. ऐसे में एडिशनल पीएचसी में पदस्थापित महिला चिकित्सक, नर्स, एएनएम व जीएनएम से छात्राएं प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकती हैं. शैक्षणिक संस्थाओं में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) कटराकलां में अवस्थित है, जहां जिले के सभी प्रखंडों के लगभग 175 विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त करते है तथा माध्यमिक उच्च विद्यालय कटराकलां भी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक बगल में अवस्थित हैं. अगर विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खराब होता है तो एपीएचसी से लाभान्वित होंगे. # छह बेडों का होता है एडिशनल पीएचसी यदि हम अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की बात करें तो लगभग छह बेड का यह अस्पताल होता है, जिसमें यदि चिकित्सकों के साथ लगभग 6-8 स्वास्थ्य कर्मी पदस्थापित कर 24X7 सुविधा की सेवा उपलब्ध रहती है, तो प्रसव की सुविधा, ओपीडी की सुविधा के साथ एचडब्ल्यूसी से ज्यादा प्रकार की दवाएं, परिवार नियोजन के साथ-साथ टीकाकरण, बिजली नहीं रहने पर जेनरेटर, एंबुलेंस की सुविधा सहित सभी व्यवस्थाओं से सुसज्जित होगा, तो महिलाओं के लिए उक्त एडिशनल पीएचसी एक वरदान साबित होगा. मौजूदा हालात में इन सूदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए निजी क्लीनिक या फिर अनुमंडलीय अस्पताल पर प्रसव के लिए निर्भर हैं. अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया की दूरी लगभग 20 किलोमीटर होने के कारण एंबुलेंस को आने-जाने में समय लगता है तथा महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी पीड़ा झेलनी पड़ती है. यदि सुविधा मुहैय्या होती तो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटराकलां इस क्षेत्र की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है.
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