भभुआ सदर. सोमवार को रिक्रिएशन क्लब भभुआ में कैमूर बिहार लोहार महासभा द्वारा भगवान बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनाया गया. इनकी अध्यक्षता रामाधीन माली ने की. संचालन संजय शर्मा ने किया. इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रामराज शर्मा ने कहा कि बिरसा मुंडा एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता और जननायक थे, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ झारखंड के मुंडा आदिवासियों का नेतृत्व किया. उनका जन्म रांची (वर्तमान झारखंड) के उलिहातु गांव में हुआ था. बिरसा ने उलगुलान (महाविद्रोह) का नेतृत्व किया, जो आदिवासियों के भूमि अधिकारों, संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए था. उन्होंने ब्रिटिश नीतियों, जमींदारों और मिशनरियों के शोषण के खिलाफ आवाज उठायी. बिरसा ने बिरसाइट धार्मिक आंदोलन शुरू किया, जिसमें आदिवासियों को एकजुट कर उनकी सामाजिक और आध्यात्मिक चेतना जगायी. 1899-1900 के मुंडा विद्रोह में उन्होंने आदिवासियों को संगठित किया, लेकिन 1900 में उन्हें ब्रिटिशों ने गिरफ्तार कर लिया. 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी, जिसे कई लोग संदिग्ध मानते हैं. बिरसा मुंडा को आज भी धरती आबा (पृथ्वी के पिता) के रूप में सम्मानित किया जाता है. उनकी जयंती को झारखंड में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत सरकार ने उनकी स्मृति में कई योजनाएं और स्मारक स्थापित किये हैं. इस अवसर पर मीडिया प्रभारी कमलेश शर्मा, उपाध्यक्ष रामबचन शर्मा, महासचिव रामआशीष शर्मा, विजय पाल, राजेंद्र प्रसाद, कन्हैया शर्मा, अमरनाथ शर्मा, गिरधारी शर्मा, ललन शर्मा, मुनीब शर्मा इत्यादि लोग उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है