भभुआ शहर.
बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत बेल्ट्रॉन डाटा इंट्री ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से सरकारी कार्य प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो गयी. जिलेभर में लगभग 200 डाटा ऑपरेटर बेल्ट्रॉन से कार्यरत है. इसके चलते आमलोगों के जरूरी का कार्य रूक गया. विभागीय कामकाज ठप हो गया. डाटा ऑपरेटरों की यह हड़ताल पिछले तीन दिनों से जारी है. बेल्ट्रॉन के तहत कार्यरत इन कर्मियों की मांग है कि उन्हें स्थायी किया जाए, सेवा शर्तों में सुधार हो और वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए. इनका कहना है कि वर्षों से कम वेतन पर संविदा पर काम करते हुए भी उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा या स्थायित्व नहीं मिल पा रहा है. वहीं, सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने से इनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है. जिले में हड़ताल का असर जिला कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य विभाग, भूमि सुधार कार्यालय, राजस्व कार्यालय, नगर निकाय व प्रखंड कार्यालयों पर सबसे अधिक देखा जा रहा है. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र, दाखिल खारिज से संबंधित आवेदन लंबित हो गये हैं. पीएम किसान, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं से जुड़ी फाइलें अटक गयी हैं. ऑपरेटर कर्मियों को हड़ताल पर चले जाने से जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड और पंचायतस्तर तक आम नागरिक लाइन में लगने के बावजूद खाली हाथ लौट रहे हैं. डिजिटल इंडिया की दिशा में सरकार भले ही आगे बढ़ रही हो, लेकिन बेल्ट्रॉन डाटा ऑपरेटरों की हड़ताल ने इस पहल को तगड़ा झटका दिया है. हड़ताली ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जायेगी. वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें महज एक ठेकेदार की तरह देखती है, जबकि वे वर्षों से सरकार के विभिन्न महकमों का डिजिटल कार्य संभाल रहे हैं. इस संबंध में प्रभावित विभागों के अधिकारियों का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिश की जा रही है. लेकिन, प्रशिक्षित कर्मियों की कमी के कारण काम सुचारु नहीं हो पा रहा है. आम लोगों से धैर्य बनाये रखने की अपील की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है