चांद.
प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है. एक तरफ बरसात नहीं हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ लगातार धान की रोपनी को लेकर किसान सबमर्सिबल चला रहे हैं. इससे जलस्तर नीचे खिसकने से बहुत से चापाकल व सबमर्सिबल बंद हो जा रहे हैं. जबकि, सरकार के सात निश्चय योजना के तहत नल-जल की भी व्यवस्था काफी खराब बनी हुई है. अधिकतर गांवों में नल-जल सेवा या तो पूरी तरह बंद है या पाइप फटने या अन्य कारणों से सभी घरों के लोगों को पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिसे लेकर ध्यान देने वाला भी कोई नहीं है. वहीं, पीएचइडी विभाग से या पंचायत व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी से जब ग्रामीण इस समस्या को लेकर शिकायत करते हैं, तो सिर्फ आश्वासन मिलता है और उसका निराकरण नहीं हो पाता है. इस तरह की गंभीर समस्या कई गांवों में बनी हुई है. प्रखंड अंतर्गत लोहदन पंचायत के इचाव गांव में पेयजल के लिए अपना डब्बा बाल्टी लेकर काफी संख्या में लोग इंतजार करते रह रहे हैं. जब बिजली आ रही है, तब सबमर्सिबल से पानी भर रहे हैं. साथ ही कुछ इसी तरह की स्थिति लोहदन, दीवाने, चांद, भरारी, सौखरा आदि कई गांवों में बनी हुई है. इस संबंध में लोहदन गांव के ग्रामीण अशोक कुमार, दीवाने, सिरजू प्रसाद आदि ने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है