मोहनिया सदर. पंचायत चुनाव 2016 में निर्वाचित प्रखंड के 22 पंचायत समिति सदस्यों को एक सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 तक का बकाया मानदेय आज तक प्राप्त नहीं हुआ है. संबंधित अधिकारी आवंटन नहीं होने का रोना लगभग साढ़े चार साल से रोते चले आ रहे हैं, जिनका भी मानदेय अब तक बकाया है उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर विभाग के पास कब राशि होगी कि वह आवंटन भेजेगा. तत्कालीन प्रमुख रिंकी देवी का मानदेय 120000, उप प्रमुख प्रमोद कुमार सिंह का 60,000 व 20 पंचायत समिति सदस्यों का 240000 रुपये इस तरह कुल 420000 रुपये अभी तक इनका बकाया है, जो कब मिलेगा किसी को भी इसकी जानकारी नहीं है. बहुत से बीडीसी तो यह भूल भी गये हैं कि उनका पिछला मानदेय अभी तक बकाया भी है, लेकिन जो जागरूक हैं वो आज भी अपने बकाया मानदेय के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन संबंधित पदाधिकारी आवंटन उपलब्ध नहीं रहने का राग अलापते रहते है और आवंटन प्राप्त होते ही बकाया मानदेय का भुगतान करने के आश्वासन की घुटी पिलाकर इनको वापस लौटा देते हैं. अपने नौ माह के बकाया मानदेय को लेकर अभी भी कुछ बीडीसी काफी परेशान हैं, इनमें से सिर्फ तीन ही पंचायत समिति सदस्य है जो 2016 के बाद 2021 के पंचायत चुनाव में भी अपनी कुर्सी बरकरार रखने में सफल रहे. इसमें भोखरी भाग दो के पंचायत समिति सदस्य रामटहल सिंह, भरखर पंचायत के बीडीसी राम प्रवेश राम व शहबाजपुर की पंचायत समिति सदस्य रुबी देवी का नाम शामिल है. जबकि, पंचायत चुनाव 2021 में इसमें से 19 लोगों को मतदाताओं ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. # किसका कितना बकाया है मानदेय नाम पंचायत राशि रिंकी देवी- अकोढ़ी 120000 प्रमोद सिंह- अमेठ 60000 देवंती देवी- बम्हौरखास 12000 कुंती देवी- भोखरी एक 12000 रामटहल सिंह- भोखरी दो 12000 मंजू देवी- डंडवास 12000 फुलपाती देवी- बढुपर 12000 विंध्याचल देवी- कटराकला 12000 संजू देवी- मुजान 12000 ओंकारनाथ सिंह- बघिनी 12000 मिथिलेश सिंह- बघिनी 12000 माया देवी- पानापुर 12000 मराछु पासवान- अकोढ़ीमेला 12000 राम प्रवेश सिंह- उसरी एक 12000 मीना देवी- उसरी दो 12000 राम प्रवेश राम- भरखर 12000 गीता शर्मा- बेलौड़ी 12000 प्रियंका देवी- दादर 12000 रुबी देवी- शहबाजपुर 12000 मनोज शर्मा- कठेज 12000 प्रमिला देवी- अमेठ एक 12000 आरती देवी- भिट्टी 12000 —– # एक सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 तक का बकाया है 420000 रुपये मानदेय # आवंटन उपलब्ध नहीं होने का रोना रोते रहे हैं अधिकारी
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