अरुण पटेल, भभुआ शहर
कैमूर जिले के रमणीय व प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण तेल्हाड़ कुंड अब पर्यटन के मानचित्र पर और अधिक चमकने को तैयार है़ जिला प्रशासन से प्रस्तावित झूला पुल, ग्लास ब्रिज व वॉच टॉवर के निर्माण के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति मिल गयी है, नौ करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होगा. इस परियोजना के तहत तेल्हाड़ कुंड में पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास किया जायेगा़. इससे यह स्थल रोमांच और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन सकेगा. तेल्हाड़ कुंड कैमूर पहाड़ी पर स्थित एक खूबसूरत जलप्रपात है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है़ यहां बनाया जाने वाला झूला पुल न केवल पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा, बल्कि इससे क्षेत्र में पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा़ बिहार पर्यटन विभाग के अनुसार, तेल्हाड़ कुंड बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां बनने वाला प्रस्तावित झूला पुल इस स्थान को और अधिक आकर्षक बनाने का काम करेगा. मालूम हो कैमूर पर्वत शृंखला कई जलप्रपातों से आच्छादित है़ इनमें तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात प्रमुख है़ जहां लगभग 80 मीटर की उंचाई से गिरते पानी और उसके फुहारों को देखते हुए पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं. इस कुंड का प्रमुख जलस्रोत औखरगड़ा (अधौरा) से निकली सुवरन नदी व कई छोटी-छोटी बरसाती पहाड़ी नदियों से एकत्रित पानी है.पर्यटन विभाग की योजना को मंजूरीबिहार सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से प्रस्तावित इस परियोजना को हाल ही में हरी झंडी मिली है़ इसके तहत तेल्हाड़ कुंड पर ग्लास ब्रिज, झूला पुल, वॉच टावर बनाया जायेगा, जो पहाड़ी क्षेत्र में साहसिक यात्रा के शौकीनों को रोमांच का नया अनुभव देगा़ वहीं, दूसरी ओर ग्लास ब्रिज के निर्माण से लोग पहाड़ियों की ऊंचाई से झरने और घाटी के अद्भुत दृश्य का लुत्फ उठा सकेंगे. कैमूर जिले में स्थित एक मनमोहक झरना, तेल्हाड़ कुंड, हरे-भरे जंगलों और चट्टानी चट्टानों से घिरा हुआ है़ गिरते पानी की कल-कल ध्वनि व शांत वातावरण इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक दर्शनीय स्थल बनाती हैं.
= प्राकृतिक सौंदर्य से भरापूरा है तेल्हाड़ कुंडकैमूर पहाड़ी की तलहटी में स्थित तेल्हाड़ कुंड अब तक स्थानीय पर्यटकों के लिए ही आकर्षण का केंद्र रहा है़ यहां का झरना, हरियाली, और पहाड़ी इलाका पहले से ही ट्रैकिंग और साहसिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त माना जाता है़ लेकिन, अब इस क्षेत्र में झूला पुल, ग्लास ब्रिज और वॉच टावर जैसी संरचनाओं के निर्माण से यह स्थल राष्ट्रीय स्तर के पर्यटक स्थल में बदल जायेगा. और यहां पर्यटक फोटोग्राफी सेल्फी प्वॉइंट, व्यू प्वॉइंट आदि चीजों का भी भरपूर आनंद ले सकेंगे़ स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के नये अवसर मिल सकेंगे़ गाइड, कैफेटेरिया, दुकानें, लॉजिंग-फूडिंग सेवाओं में रोजगार की संभावनाएं तेजी से बढ़ेंगी़ साथ ही महिलाओं के लिए हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां एक बेहतर मौका मिल सकेगा.= कहते हैं अधिकारीइस संबंध में डीएफओ प्रकाशम चंचलम ने बताया कि कैमूर जिले का तेल्हाड़ कुंड अब सिर्फ एक प्राकृतिक झरना नहीं, बल्कि यह रोमांच, प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक गतिविधियों का एक आदर्श केंद्र बनेगा़ हमने प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा था़ जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है. यहां नौ करोड़ रुपये की लागत से ग्लास ब्रिज, झूला पुल, वॉच टावर आदि का निर्माण कराया जायेगा़ साथ ही जहां से पहाड़ी की चढ़ाई शुरू होती है़ वहां एक गेट का निर्माण कराया जायेगा़, जहां उस गेट पर कैमूर पहाड़ी पर स्थित सारे नदी झरने व प्रमुख पर्यटक स्थलों को दर्शाया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे व स्थानीय वनस्पति व जीव-जंतुओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता में शामिल है.
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