मोहनिया सदर. मनरेगा भ्रष्टाचार का ऐसा अखाड़ा बन चुका है. मनरेगा में कार्य करने वाले वास्तविक मजदूरों के बैंक खाते में कम, लेकिन मजदूरी नहीं करने वाले कमिशनखोरों के खाते में अधिक भुगतान किया जा रहा है. हम बात कर रहे है भभुआ प्रखंड की जागेबरांव पंचायत की, जहां ग्राम बेलाढ़ी से रामाश्रय के घर से महेंद्र के खेत होते महुअत रोड तक बाहा खुदाई करायी गयी. उसका वर्क कोड संख्या 0549002007/ आइसी/20592517 है. उक्त योजना में चार मास्टर रोल जारी किया गया है. इसमें हाजिरी तो सभी का दर्ज किया गया है, लेकिन मजदूरी का भुगतान सिर्फ छह लोगों को ही 22860 रुपये किया गया है. चार मई से लेकर 18 मई 2025 तक कार्य किया गया है. आखिर किन परिस्थितियों में बाहा खुदाई करने वाले 24 मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया, इसका जिम्मेदार आखिर कौन है? क्या उक्त सभी 24 लोगों ने धरातल पर नहीं बल्कि कागजों पर बाहा खुदाई कार्य किया है. सवाल तो बहुत खड़े हो रहे हैं, लेकिन सबसे खास बात तो यह है कि इसका असली जिम्मेदार कौन है. प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. कहां गये जिनके कंधों पर सरकार की राशि की निगेबानी करने वाली जिम्मेदारी है. # मास्टर रोल समाप्ति के आठ दिन तक भुगतान का है नियम मनरेगा में कार्य करने वाले उन्हीं मजदूरों को भुगतान किया जा सकता है, जिनको मास्टर रोल समाप्ति के आठ दिन तक भुगतान कर दिया जाये. जैसे ही आठ से नौवां दिन होगा भुगतान करना काफी कठिन हो जाता है. अब यह सिर्फ अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में रह जाता है, एमआर डीले में चला जाता है. ऐसी स्थिति में मजदूरी का भुगतान करना टेढ़ी खीर हो जाता है. यहां तो 04 मई से 18 मई तक कार्य चला, 26 मई यानी निर्धारित समय सीमा के अंदर सिर्फ छह मजदूरों को ही भुगतान किया गया. जबकि, शेष 24 मजदूर अपने पारिश्रमिक से वंचित रह गये और एमआर डीले हो गया है. कार्य नहीं करने वालों के खाते में भेजी जाती है मोटी रकम मनरेगा का पूरा सिस्टम ही कमीशन एजेंटों के ऊपर टिका हुआ है. धरातल पर 10 मजदूर कार्य करते हैं, लेकिन मास्टर रोल पर 40 से 50 की संख्या में मजदूरों को कार्य करते दिखाया जाता है और वह ऐसे लोग होते हैं, जिन्होंने कभी मजदूरी का मुंह देखा ही नहीं है. ऐसे लोगों के खाते में पीआरएस से मिलकर बिचौलिये मोटी रकम डालते हैं और फिर उन खाताधारकों को 500 से 1000 रुपये देकर उनके खाते में भेजी गयी मजदूरी की पूरी राशि निकलवा कर ले लेते हैं और फिर उसमें सबका हिस्सा लगता है. कई जगहों पर तो ऐसा भी हुआ है कि ऐसे लोगों के खाते में राशि जाने के बाद उन लोगों ने पैसा निकाल कर बिचौलियों को देने से इनकार कर दिया, तो बात लड़ाई झगड़ा तक भी जा पहुंचती है. # इन 24 मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी मास्टर रोल 3323 में अकमी देवी, दीपक राम, गोबिंद राम, कुंत देवी, मास्टर रोल 3324 में इंदू देवी, घुरबिगनी देवी, हरेंद्र कुमार सिंह, मोसाफिर राम, धनबरता देवी, राकेश कुमार, मोहित कुमार, पूजा कुमारी, संजू कुमारी, केशवर राम व मास्टर रोल 3325 में संसलाल कुमार, पार्वती देवी, बहेतरा देवी, बसंती देवी, धर्मशीला देवी, दूधनाथ राम, उमाशंकर राम, बिगाऊ राम, शनिचरी देवी व सुनीता कुमारी का नाम शामिल है. # 30 मजदूरों ने की बाहा खुदाई, तो सिर्फ छह मजदूरों को ही भुगतान क्यों बाहा खुदाई करने वाले 24 मजदूरों को कब और कौन करेगा मजदूरी का भुगतान # प्रभात खास #
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