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बिहार के स्कूलों में छुट्टी को लेकर केके पाठक का नया आदेश, सभी डीएम को लिखा पत्र, जानें क्या कहा

24 जनवरी से 29 जनवरी तक शीतलहर की संभावना को देखते हुए केके पाठक ने पत्र लिखकर कहा है कि सभी जिला पदाधिकारियों को अधिकृत किया जाता है कि वो 29 जनवरी तक स्कूलों में कक्षा एक से आठ वीं तक के विद्यार्थियों के आने और जाने के समय में संशोधन कर सकते हैं

बिहार में पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से स्कूलों में छुट्टी को लेकर शिक्षा विभाग और पटना जिला प्रशासन के बीच चल रही तनातनी के बीच केके पाठक ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों को एक आधिकारिक पत्र लिखा है. डीएम द्वारा सीआरपीसी की धारा -144 के बार-बार प्रयोग से खिन्न केके पाठक ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा विभाग आपसे यह आशा करता है कि जब मौसम सामान्य हो जाये, तो आप इस धारा के तहत आने वाले महीनों में, अपनी इस महान और असीमित शक्ति का प्रयोग करते हुए विद्यालयों में विद्यार्थियों की सौ प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं. गुरुवार को जारी इस पत्र में उन्होंने जिला पदाधिकारियों को विशेष कार्य के लिए प्राधिकृत किया है.

डीएम आठवीं कक्षा तक के समय में कर सकते हैं संशोधन

24 जनवरी से 29 जनवरी तक शीतलहर की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि सभी जिला पदाधिकारियों को अधिकृत किया जाता है कि वो 29 जनवरी तक स्कूलों में कक्षा एक से आठ वीं तक के विद्यार्थियों के आने और जाने के समय में संशोधन कर सकते हैं, लेकिन कक्षा नौ से 12 वीं तक की पढ़ाई का समय एवं बोर्ड की तैयारी बाधित नहीं होगी.

शिक्षकों को नहीं मिलेगी राहत

केके पाठक ने आगे लिखा कि स्कूल के सभी शिक्षक पहले की भांति तय अवधि तक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे. प्रशासनिक कार्य यथा डीबीटी जीर्णोद्धार, फर्नीचर क्रय आदि का निष्पादन करेंगे. साथ ही विभाग की तरफ से तय अवधि में वे विद्यालय में बने रहेंगे.

धारा 144 के तहत आदेश निकालने की जरूरत नहीं

अपर मुख्य सचिव पाठक ने पत्र में साफ किया है कि चूंकि सभी जिला पदाधिकारियों को इस पत्र के जरिये प्रशासनिक रूप में 29 जनवरी तक प्राधिकृत किया जा चुका है. इसलिए इसके लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत अलग से आदेश निकालने की अब आवश्यकता नहीं है, क्योंकि विभाग के अनुसार विद्यालयों का प्रशासन धारा 144 के दायरे में ही नहीं आता है.

बात-बात पर धारा 144 के प्रभाव से विद्यालय बंद नहीं होना चाहिए

धारा-144 के सदंर्भ में एसीएस पाठक ने साफ किया है कि पिछले कई सालों से धारा 144 के जरिये जिला पदाधिकारी शीत लहर और अन्य कारणों से स्कूलों को बंद करते हैं. इस चलन का शिक्षा विभाग की तरफ से पिछले सालो में भी विरोध किया जाता रहा है. इसी क्रम में ,मैंने एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया था कि विभाग इस धारा का उपयोग कर स्कूल बंद करने की प्रवृत्ति का समर्थन नहीं करता है. लिहाजा जिला अधिकारियों से अनुरोध है कि बात-बात पर धारा 144 के प्रभाव से विद्यालय बंद नहीं करें, क्योंकि विभाग का मानना है कि इस धारा के जरिये स्कूल के कामकाज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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