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कारगिल विजय स्वतंत्र भारत की सर्वश्रेष्ठ सैन्य पराक्रम की निशानी : डॉ अशोक

कारगिल विजय स्वतंत्र भारत की सर्वश्रेष्ठ सैन्य पराक्रम की निशानी : डॉ अशोक

मधेपुरा. कारगिल विजय दिवस हर भारतीय के लिए सरहद पर डटे अपने जवानों के संघर्ष को सलाम करने का दिन है. प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को भारत व पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ की याद में मनाया जाता है. उक्त बातें श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के कुलपति सह मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के संस्थापक प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार ने कॉलेज की एनसीसी यूनिट द्वारा आयोजित कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कैडेट्स को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कारगिल विजय भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को दर्शाता है. वहीं युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है. कुलपति ने कहा कि कारगिल विजय दिवस देश के जवानों की असाधारण वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. एनसीसी कैडेट्स को जवानों की कुर्बानी और फतह से प्रेरणा लेनी चाहिए. कारगिल विजय ने दुश्मनों को भी आगाह किया कि भारत हर परिस्थितियों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. कारगिल विजय दिवस की अध्यक्षता करते हुए मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के एनसीसी पदाधिकारी मेजर डॉ गौतम कुमार ने कहा कि घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे में पता चलते ही जब भारतीय सेना को एहसास हुआ कि हमले की योजना बड़े पैमाने पर है. इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र में भेजा. यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ. इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे. यह आजाद भारत के सेना की वो उपलब्धि थी जिसने घाट लगाए बैठे दुश्मनों को भी आगाह किया कि भारत हर परिस्थितियों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. कारगिल विजय दिवस हर दौर में भारतीय सेना के उपलब्धि पर देशवासियों को गर्व का अहसास देगा. राष्ट्र के लिए उनका समर्पण व बलिदान सदैव प्रेरित करता रहेगा विमेंस कॉलेज कौशल्या ग्राम के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कारगिल विजय दिवस का दिन दिन हमारे जवानों के असाधारण पराक्रम, साहस और दृढ़ निश्चय,राष्ट्र के लिए उनका समर्पण और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करने का दिन है जो देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा. मौके पर एनसीसी कैडेट्स सिंपल, विकास, आशुतोष, अंकेश, सपना ,कौशल, सृष्टि, सुनैना, आशु, साक्षी, अन्नू, मौसम, सपना, नैना,विकास, भवेश, शिवम, मनु , अभिषेक, अमरजीत, अमित, रहमत, अमन, मो तौसीफ,अंकुश पांडे आदि मौजूद थे.

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