मधेपुरा.
महामना कीर्ति नारायण मंडल सात अगस्त, 1911 से सात मार्च, 1997 का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी है. उनकी यश, कीर्ति व ख्याति आज भी कायम है और हमेशा कायम रहेगी. उनके त्याग-तपस्या व कर्म निष्ठा से हमेशा समाज को प्रेरणा मिलती रहेगी. यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो बीएस झा ने कही. वे शुक्रवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल की तस्वीर के लोकार्पण समारोह में उद्घाटनकर्ता-सह-मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.महात्मा बुद्ध की तरह गृहत्याग थे कीर्ति बाबू
कुलपति ने कहा कि कीर्ति बाबू ने समाज में शिक्षा की रौशनी फैलाने के लिए महात्मा बुद्ध की तरह अपना गृहत्याग कर दिया. उन्होंने अपने पिता के समक्ष महात्मा गांधी की तरह सत्याग्रह करके ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय की स्थापना करायी.
कर्ण की तरह दानी थे कीर्ति बाबू
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल कर्ण की तरह महादानी थे. उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति संपत्ति का कण-कण समाज को दान कर दिया व अपने लिए कुछ भी बचाकर नहीं रखा. कीर्ति बाबू ने अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा-जागरण के लिए समर्पित कर दिया. वे जहां-जहां रहे वहां-वहां कोई-न-कोई शिक्षण संस्थान अस्तित्व में आया.
दधीचि थे कीर्ति बाबू
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि कीर्ति बाबू दधीचि थे. उन्होंने कोसी में शिक्षा के प्रसार के लिए अपना सर्वस्व दान कर दिया. उन्होंने दर्जनों शैक्षणिक संस्थानों का निर्माण कर कोसी-सीमांचल में शैक्षणिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया. मधेपुरा में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय व पार्वती विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना उनकी बहुमूल्य देन है.
सात अगस्त को होगा राष्ट्रीय सेमिनार
कार्यक्रम का संचालन करते हुए समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल की 125वीं जयंती पर सात अगस्त, 2025 को कोसी की सांस्कृतिक विरासत विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. इसमें कोसी के विकास में कीर्ति नारायण मंडल के योगदान की विशेष रूप से चर्चा होगी. मौके पर एनसीसी पदाधिकारी ले गुड्डु कुमार, बीसीए विभागाध्यक्ष केके भारती, डॉ रंजन यादव, सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे.
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