मधेपुरा. बीएनएमयू के कुलपति प्रो बीएस झा के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सुधांशु शेखर ने शनिवार व रविवार को राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) का भ्रमण किया. उन्होंने केंद्र की गतिविधियों को नजदीक से देखा-समझा और स्वच्छता से संबंधित विभिन्न उपकरणों व उपक्रमों की जानकारी प्राप्त की. आगे वे इस जानकारी को एनएसएस के माध्यम से विश्वविद्यालय तथा विभिन्न महाविद्यालयों में मूर्तरूप देने का प्रयास करेंगे. स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब डॉ शेखर ने बताया कि महात्मा गांधी स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे. वे स्वच्छता को स्वराज की प्राप्ति का एक मार्ग मानते थे. इसलिए गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन को संस्थागत रूप देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में 10 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) स्थापित करने की घोषणा की. इस घोषणा ने आठ अगस्त, 2020 को मूर्तरूप लिया. प्रधानमंत्री के करकमलों से गांधी शहादत स्थली राजघाट में इस केंद्र की स्थापना हुई. आरएसके है एक गतिशील अनुभव केंद्र उन्होंने बताया कि आरएसके एक गतिशील अनुभव केंद्र है. यहां डिजिटल और आउटडोर प्रतिष्ठानों के संतुलित मिश्रण के साथ इंटरैक्टिव प्रारूप में स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जाती है. यह स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है. उन्होंने बताया कि इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है. स्वच्छता रोबोट तो यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है. वो उससे बिल्कुल एक मित्र की तरह बातचीत करते हैं. इज्जत घर है आकर्षक का केंद्र उन्होंने बताया कि केंद्र में इज्जत घर आकर्षक का केंद्र है. इसके माध्यम से शौचालय के महत्व को रेखांकित किया गया है. 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़ गये. इसकी वजह से देश की लाखों महिलाओं को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला है. इसकी वजह से लाखों लोगों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला.
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