मधेपुरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नदी व डॉल्फिन दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हुये प्रोजेक्ट डॉल्फिन अभियान की घोषणा की है. इससे जैव विविधता को मजबूत करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और पर्यटन को आकर्षित करने में योगदान मिलेगा. इस संबंध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, भारत सरकार को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से देश भर में डॉल्फिन संरक्षण जागरूकता गतिविधियां बनाने का काम सौंपा गया है, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का सहयोग अपेक्षित है. अतः कुलपति प्रो बीएस झा ने विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत प्रोजेक्ट डॉल्फिन के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है. कुलपति के निदेशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों व प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित कर अपने प्रशासनिक नियंत्रण में छात्र-छात्राओं से प्रोजेक्ट डॉल्फिन से संबंधित गतिविधियां आयोजित कराने का अनुरोध किया है. पत्र में बताया गया है कि इस अभियान के तहत डॉल्फिन व अन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रतिज्ञा सभा, डॉल्फिन जागरूकता वीडियो की स्क्रीनिंग, रैली, नुक्कड़ नाटक, संवाद, परिचर्चा आदि का आयोजन किया जाए और निकटतम डॉल्फिन साइटों का फील्ड विजिट करायी जाय. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या, उच्च गुणवत्तायुक्त चार-पांच फोटोग्राफ और तीन-चार मिनट का वीडियो के साथ एक रिपोर्ट 17 जुलाई, 2025 से पहले कार्यकाल के ई मेल [email protected] तथा वाट्सएप 9934629245 पर भेजना आवश्यक है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है