मधेपुरा.
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में शिवपुरी मोहल्ला वार्ड नंबर 17 चित्रगुप्त मंदिर के सभागार में सात दिवसीय तनाव प्रबंधन व सकारात्मक जीवन शैली, राजयोग मेडिटेशन अनुभूति शिविर शुरू हुआ, जिसका उद्घाटन ब्रह्माकुमारीज संस्थान के क्षेत्रीय प्रभारी सह तनाव मुक्ति विशेषज्ञ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रंजू दिदी, ब्रह्माकुमारी बबीता दीदी, किशोर भाईजी, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ भूपेंद्र नारायण, स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी दुर्गा बहन, ओम प्रकाश सर्राफ, श्रवण कुमार, डॉ एनके निराला, संतोष कुमार सुल्तानिया, महेंद्र रजक, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार यादव, बृजेश कुमार, अजय भाई, अयोध्या भाई,आलम भाई, ओमप्रकाश भाई, पूर्व प्रमुख विनय बर्धन खोखा यादव , सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी, सिंहेश्वर सेवा केंद्र प्रभारी कौशल्या दीदी, ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी ,सतीश भाईजी आदि ने किया. ब्रह्माकुमारी संस्थान के मधेपुरा क्षेत्र प्रभारी सह तनाव प्रबंधन व सकारात्मक जीवन शैली विशेषज्ञ ब्रह्माकुमारी रंजू दीदी जी ने कहा कि मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते हैं. मन के नकारात्मक विचारों से ही तनाव उत्पन्न होता है. तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों का आवश्यकता है. सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है. विपरीत परिस्थिति में भी बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले विचारों से ही स्मृति, वृत्ति, भावना, दृष्टिकोण व व्यवहार बनता है. अगर मन के विचार नकारात्मक होंगे तो स्मृति ,दृष्टि ,वृत्ति, भावना, व्यवहार भी नकारात्मक बनता है. जिससे तनाव पैदा होता है. मन के विचार ही वास्तव में बीज है.स्वयं की रक्षा करने वाला ही कर सकता है देश की रक्षा
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सिमराही राघोपुर सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबिता ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताते हुए कहा कि मन के विचारों को बदलने से ही परिस्थितियां बदलती हुई नजर आती है. उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही तनाव पैदा होता है. इस कारण दिमाग गर्म हो जाता है और बीमारियां होती है. उन्होंने बताया कि स्वयं की रक्षा करने वाला ही देश का रक्षा कर सकता है. सकारात्मक विचारों का स्रोत आध्यात्मिकता है. अपने आपको यथार्थ जानना, पिता परमात्मा को जानना और अपने उद्देश्य को जानना ही वास्तव में आध्यात्मिकता है. उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है. सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजय बन सकता है.
जीवन में नैतिक शिक्षकों को आचरण में लाना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी डाॅ भूपेंद्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि जीवन में नैतिक शिक्षकों को आचरण में लाना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है. उन्होंने कहा लालच, भ्रम, बेईमानी, चोरी, ठगी, नकारात्मक विचार, मनुष्य को अनैतिकता के विरुद्ध आचरण करने के लिए उकसाता है. इसलिए हमें अनैतिकता को मार्ग छोड़कर नैतिकता के मार्ग तरफ जाना है. नैतिक मूल्यों की धारण से आंतरिक शक्तियों का विकास होता है और आत्मबल ,मनोबल बढ़ता है. उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों से युक्त जीवन हीसभी को पसंद आता है.
राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा बढ़ता है मनोबल व आत्मबल
स्थानीय लक्ष्मीपुर मोहल्ला वार्ड नंबर 17 मधेपुरा सेवा केंद्र प्रभारी दुर्गा ने कहा कि राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल व आत्मबल बढ़ता है. राजयोग द्वारा हम सच्चे सुख ,शांति की अनुभूति कर तनावमुक्त बन सकते हैं. मौके पर कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर ने किया. मौके पर ओम प्रकाश सर्राफ, श्रवण कुमार, डॉ एनके निराला, संतोष कुमार सुल्तानिया,महेंद्र रजक, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार यादव, बृजेश कुमार, सतीश, अजय, अयोध्या,आलम, ओमप्रकाश,पूर्व प्रमुख विनय बर्धन खोखा यादव, सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी बबीता, सिंहेश्वर सेवा केंद्र प्रभारी कौशल्या, व्यावसायिक विजय वर्धन, आशा देवी, संजय वर्धन, ब्रह्माकुमारी दुर्गा, निशा, चांदनी आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है