मधेपुरा. अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ सम्मेलन स्थानीय वेदव्यास महाविद्यालय मधेपुरा में आयोजित की गई. समारोह की शुरुआत आगत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया. आगत अतिथियों को पुष्प गुच्छ तथा शॉल से सम्मानित करते हुए स्वागताध्यक्ष प्राचार्य डॉ आलोक कुमार ने कहा अति पिछड़ा की आबादी 36 प्रतिशत होते हुए भी सबसे अधिक प्रताड़ित इसी वर्ग के लोग हैं, अति पिछड़ा वर्ग संगठित हो अपने अधिकारों के लिए मुखर हो तभी आगे आने पीढ़ी लाभान्वित होगा. उद्घाटनकर्ता, संयोजक आरक्षण बचाओ अति पिछड़ा संघर्ष मोर्चा डॉ रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा राजनीतिक साजिश के तहत बीसी से जातियों को ईवीसी में शिफ्ट किया जा रहा है. वर्तमान में बीसी की कई जातियां ईवीसी में आना चाह रही है. तेली, तमोली दांगी आर्थिक रूप से समृद्ध है, यह जाति ईवीसी आरक्षण का हक़मारी कर रही है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग में एक लाख दस हजार नौकरियां दी गई, इसमें से 90 प्रतिशत नौकरी यही तीन जातियों के लोगों को मिला है, मात्र 10 हजार नौकरी मूल अति पिछड़ा वर्ग को मिला. यह दुर्भाग्यपूर्ण है हमारी लड़ाई 111 मूल अति पिछड़ा जाति के राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान का है. मुख्य अतिथि वरीय अधिवक्ता योगेंद्र मंडल ने कहा कि अति पिछड़ा की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का कोटी में बढ़ोतरी किया जाना चाहिए. साल दर साल अति पिछड़ा वर्ग में जातियों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे अति पिछड़ा युवाओं को मिलने वाला अवसर में कमी, बेरोजगारी को बढ़ा रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रो फिरोज मंसूरी ने अपने संबोधन में कहा समाज में पनपी असमानता का दंश अति पिछड़ा समाज के लोग झैल रहे हैं. समाजवाद को पुन परिभाषित किए जाने की आवश्यकता, सरकार के गलत नीति तथा हम सबों के वैचारिक दुर्बलता के कारण अति पिछड़ा तथा पासमंदा वर्गों की स्थिति दयनीय बनी हुई. राष्ट्रीय केवट महासभा के अध्यक्ष डॉ रामचंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कर्पूरी ठाकुर ने 94 जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल किया, जिसमें 48 जातियों को नीतिश सरकार ने शामिल किया. अब कुल मिलाकर 114 जातियां अति पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित है, जातियों के अनुपात में आरक्षण में वृद्धि तर्कसंगत है. इसको लेकर वृहद जागृति तथा आंदोलन हेतु संकल्पित होने की आवश्यकता है. विषय प्रवेश करते हुए संयोजक ई हरीश मंडल ने कहा मनुवाद,ब्रह्मणवाद संविधान प्रदत्त अधिकार तथा आरक्षण का बहुत बड़ा दुश्मन है. जब तक अति पिछड़ा समाज के लोग वैचारिक,सामाजिक तथा आर्थिक रूप से सबल नहीं होंगे तब तक सही अर्थ में समाजवाद नहीं आएगा. संघर्ष, जन जागृति तथा आंदोलन के लिए विभिन्न जातियों मे बंटा अति पिछड़ा समाज को एकजुट होना होगा. धन्यवाद ज्ञापन जानेश्वर शर्मा ने किया. इस अवसर पर सीताराम शर्मा, प्रो मोहन मंडल, जीवछ मंडल, शिवपूजन ठाकुर, अनिल अनल, रमेश शर्मा, विष्णु देव ठाकुर, सुकेश राणा, तुर्बशु, बृजेश मालाकार, शिवनारायण मंडल, कपिल देव शर्मा, भूदेव शर्मा, धीरेंद्र मंडल, शाहनवाज, निमित कुमार आदि ने भी सभा को संबोधित किया.सम्मेलन में सर्वसम्मिति से 25 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया. जिसकी बैठक आगामी 29 जून को रखा गया है.
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