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बिहार के सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता परखने के लिए नए मानक तय, सफल होने पर मिलेगा सर्टिफिकेट और नकद पुरस्कार

बिहार के सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता को मिशन 60 के बाद तीन नए कार्यक्रमों के द्वारा परखा जाएगा. इन नए कार्यक्रमों के तय मानकों पर खड़ा उतरने वाले अस्पतालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. सफल होने पर अस्पतालों को प्रमाण पत्र के साथ 50 लाख रुपये कैश दिया जाएगा.

बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने के लिए अब उन्हें तीन नये कार्यक्रमों के तहत तय मानकों पर आंका जायेगा. मिशन 60 के बाद सरकार ने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक की क्वालिटी जांच तीन कार्यक्रमों के माध्यम से करने का फैसला लिया है. तीनों कार्यक्रमों के अलग-अलग मानक हैं. अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के लिए चेकलिस्ट तैयार किया गया है. इस चेकलिस्ट के अनुसार मानक पूरा करने वाले अस्पतालों को ही क्वालिटी का प्रमाण पत्र दिया जायेगा.

मानकों को पूरा करने मिलेगा पुरस्कार 

पहला कार्यक्रम है- कायाकल्प. दूसरा कार्यक्रम का नाम लक्ष्य है और तीसरे कार्यक्रम का नाम एनक्वास रखा गया है. तीनों कार्यक्रमों में अस्पतालों की अलग-अलग प्रकार की सुविधाओं की जांच की जा रही है. मानकों को पूरा करने वाले अस्पतालों को गुणवत्ता का प्रमाण पत्र के साथ 50 लाख रुपये तक का पुरस्कार भी दिया जायेगा.

1.कायाकल्प : स्वच्छता पर जोर, हर मानक पर सौ अंक

कायाकल्प के तहत जिला अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के मानकों का सौ अंकों के आधार पर चेकलिस्ट तैयार किया गया है. इसमें सफाई पर सौ अंक हैं, जिसमें अस्पतालों परिसर, वार्ड, शौचालयों की साफ सफाई, सफाई में अच्छी सामग्री व उपकरणों का प्रयोग, सफाई की मॉनिटरिंग सुविधा की जांच होगी. सौ अंकों की अस्पताल की सुविधा की जांच की जायेगी. जिसमें जानवरों की रोकथाम से लेकर बागवानी तक की सुविधा शामिल हैं. सौ अंकों का निर्धारण संक्रमण नियंत्रण के लिए दिया जायेगा. स्वच्छता को बढ़ावा देने और अस्पताल परिसर के बाहर की स्वच्छता के लिए 50-50 अंक निर्धारित किये गये हैं. अस्पताल के इकोफ्रेंडली सुविधा के लिए सौ अंक निर्धारित किया गया है.

2. लक्ष्य : लेबर रूम और प्रसूति ओटी तक की क्वालिटी जांच

लक्ष्य कार्यक्रम के तहत मुख्यत: अस्पताल में लेबर रूम और प्रसूति विभाग का ओटी के मानकों की जांच चेकलिस्ट के आधर पर की जायेगी. उद्देश्य है कि जच्चा और बच्चा की जान हर हाल में बचायी जाये. इसमें प्रमुख मानक हर अस्पताल में होनेवाले प्रसव के आधार पर मानव संसाधन है. प्रतिमाह होने वाले प्रसव के आधार पर अस्पतालों की केटेगरी तय की गयी है. प्रति माह 100-200 प्रसव, 200-500 और 500 से अधिक प्रसव वाले अस्पतालों के लिए मैनपावर और ओटी की सुविधा के अलग-अलग मानक तैयार किया गया है. 24 घंटे लेबररूम की सेवा, पीपी आयूडी, प्रसव की सुविधा, प्री टर्म डिलिवरी की सुविधा हो, प्रसव के बाद होनेवाले जोखिम रोकने की व्यवस्था आदि पर गुणवत्ता का आकलन होगा. यह भी देखा जायेगा कि दी जाने वाली सेवा का बोर्ड, ह्वील चेयर, लेबर रूम की स्टाफ का व्यवहार मानवीय है अथवा नहीं.

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3. क्वालिटी एश्योरेंश : विभागों की सेवा की जांच

क्वालिटी एश्योरेंश मानक के तहत किसी भी अस्पताल के छह से लेकर 18 विभागों में उपलब्ध सेवाओं की जांच की जा रही है. इसमें ओटी की सेवा, आइसीयू की सेवा, आपीडी, ब्लड बैंक, लैबोरेट्री, रेडियोलॉजी, फार्मेसी, मार्च्युरी सहित सभी के अलग-अलग चेकलिस्ट तैयार किये गये हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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