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सहरसा-मानसी दोहरीकरण का प्रस्ताव एक बार फिर तैयार, पिछले तीन बजटों में प्रस्तावित रही है यह परियोजना

डिवीजन द्वारा इस रेलखंड पर दोहरीकरण को लेकर तैयारी चल रही है. उम्मीद है कि अगले सप्ताह सहरसा मानसी दोहरीकरण प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जायेगा. इसके अलावा सहरसा यार्ड रि मॉडलिंग का प्रस्ताव भी रेलवे बोर्ड को एक साथ भेजा जायेगा.

सहरसा. वर्षों से लंबित सहरसा-मानसी 41 किलोमीटर रेलखंड पर दोहरीकरण परियोजना पर अब विभाग की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. डिवीजन द्वारा इस रेलखंड पर दोहरीकरण को लेकर तैयारी चल रही है. उम्मीद है कि अगले सप्ताह सहरसा मानसी दोहरीकरण प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जायेगा. इसके अलावा सहरसा यार्ड रि मॉडलिंग का प्रस्ताव भी रेलवे बोर्ड को एक साथ भेजा जायेगा. इसके बाद इसके बाद रेलवे बोर्ड की स्वीकृति मिलते ही फंड आवंटन के बाद निर्माण का शुरू हो सकेगा.

अगले वित्तीय वर्ष में दोनों प्रस्ताव को मिल जायेगी हरी झंडी

सूत्र की माने अगले वित्तीय वर्ष में दोनों प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जायेगी. यहां बता दें कि सहरसा-मानसी 41 किलोमीटर रेलखंड पर वर्ष 2005 में अमान परिवर्तन कर पूरा हुआ था. तात्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने में बड़ी रेल लाइन लोकार्पण के दौरान घोषणा की थी कि वर्ष 2008 में में सहरसा-मानसी के बीच दोहरीकरण कार्य पूरा हो सकेगा. लेकिन इसके बाद विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर पूरी तरह से पूर्ण विराम लगा दिया था.

सहरसा-मानसी रेलखंड के बीच ट्रैफिक दबाव अधिक

सहरसा-मानसी के बीच 41 किलोमीटर रेलखंड पर सबसे अधिक ट्रेनों का ट्रैफिक दबाव है. सिंगल लाइन होने की वजह से कई बार मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन विलंब हो जाती है. इनमें जनहित एक्सप्रेस, समस्तीपुर-सहरसा 05243 पैसेंजर ट्रेन, जानकी एक्सप्रेस, 05278 पैसेंजर ट्रेन, 05276 समस्तीपुर-सहरसा पैसेंजर ट्रेन, 05292 समस्तीपुर सहरसा पैसेंजर ट्रेन, 05549 सहरसा-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन सहित एक दर्जन से अधिक गाड़ी ट्रैफिक दबाव होने के कारण घंटों विलंब हो जाती है. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से माल ट्रेन की आवाजाही इसी मार्ग से होती है. यहां बता दे कि समस्तीपुर और सोनपुर रेल मंडल में लगभग 80 प्रतिशत रूट पर दोहरीकरण कार्य पूरा हो चुका है. हाल ही में दरभंगा और समस्तीपुर के बीच दोहरीकरण कार्य पूरा हो चुका है.

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तीन बजट में था प्रस्तावित

सहरसा-मानसी रेलखंड दोहरीकरण परियोजना पिछले तीन बार बजट में प्रस्तावित रह चुका है. पिछली बार बजट में टोकन मनी के तौर पर इस परियोजना पर मात्र 1000 रुपये राशि स्वीकृत की गयी थी. वहीं कई बार स्थानीय सांसदों द्वारा भी रेल मंत्री से दोहरीकरण की मांग उठायी गयी है. अधिक ट्रैफिक दबाव होते हुए भी यह योजना कई सालों से लंबित है.

यार्ड री-मॉडलिंग वर्ष 2017 से प्रस्तावित

सहरसा जंक्शन मेजर स्टेशन की श्रेणी में है, जो तीन रेलखंड को जोड़ती है. यहां से फिलहाल 38 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है. जिसमें साप्ताहिक ट्रेन भी शामिल है. प्लेटफॉर्म और लाइन की कमी की वजह से कई बार लंबी दूरी की ट्रेन भी विलंब हो जाती है. वर्ष 2017 में ही सहरसा में यार्ड री-मॉडलिंग की योजना बनी थी

यार्ड री- मॉडलिंग के निर्माण से फायदे

  • – रेलवे ट्रैक की संख्या बढ़ेगी

  • – अतिरिक्त ट्रेन लाइन का विस्तार होगा

  • – इंजन सेटिंग लाइन की संख्या में बढ़ोतरी होगी

  • – लंबी रूट पर जाने वाली माल ट्रेन सीधी निकल जायेगी

  • – आगमन और प्रस्थान के समय ट्रेन विलंब नहीं होगी

Prabhat Khabar Digital Desk
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