महिला सशक्तीकरण की गूंज सुपौल. जिले में महिला सशक्तीकरण अब एक नई मिसाल बनता जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ 58 दिनों तक चलने वाला महिला संवाद कार्यक्रम शनिवार को समापन के साथ संपन्न हुआ. इस जन-जागरूकता अभियान की गूंज अब जिले के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है. समापन के दिन जिले के सभी 11 प्रखंडों के 34 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन उत्साह और जागरूकता के साथ किया गया. पूरे अभियान के दौरान कुल 01 हजार 955 ग्राम संगठनों में महिला संवाद आयोजित हुए, जिसमें 03 लाख 58 हजार 674 महिलाओं ने भाग लिया. इसमें जीविका से जुड़ी दीदियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में गैर-जीविका महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं को मिला संवाद का मंच यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए एक ऐसा प्रभावी मंच बनकर सामने आया, जहां उन्होंने न केवल अपनी समस्याएं खुलकर रखीं, बल्कि शासन-प्रशासन के साथ सीधा संवाद स्थापित कर नीतिगत बदलावों की दिशा भी तय की. महिलाओं ने इस मंच के माध्यम से जल-जमाव, जर्जर सड़कों की मरम्मत, सामुदायिक भवनों और पुस्तकालयों की आवश्यकता, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन जैसे जन-जरूरत के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने दहेज प्रथा, बाल विवाह, शराबबंदी और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ दृढ़ संकल्प के साथ अपनी आवाज बुलंद की. जिला प्रशासन को भेजा गया 58,650 महिलाओं की आकांक्षा जिला परियोजना प्रबंधक विजय कुमार सहनी ने बताया कि महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनकी असली समस्याओं को नीति-निर्माण की प्राथमिकता में लाना था. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं द्वारा 58 हजार 650 आकांक्षाओं को चिह्नित किया गया है, जिन्हें जिला प्रशासन के माध्यम से संबंधित विभागों को अग्रसारित कर दिया गया है.
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