वीरपुर. भीमनगर स्थित बसंतपुर पीएचसी के इमरजेंसी में कोई भी चिकित्सक या चिकित्सा कर्मी रहना मुनासिब नहीं समझते हैं. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ओपीडी सेवा समाप्ति के बाद केवल गार्ड के भरोसे अस्पताल खुला रहता है, लेकिन अस्पताल में ना तो कोई चिकित्सक रहते है ना ही कोई नर्स, ना तो कोई मेडिकल स्टॉफ. गुरुवार की शाम करीब आठ भीमनगर पंचायत के वार्ड नंबर 09 निवासी राजीव कुमार अपनी चार साल की बच्ची को लेकर अस्पताल गए. जहां अस्पताल में मेडिकल स्टाफ व कोई चिकित्सक नहीं थे. परिजन ने बताया कि बच्ची के गिरने से कान में जख्म हो गया था. जिससे खून की मात्रा अधिक निकल रही थी. हालांकि मौके पर मौजूद एक गार्ड ने तत्काल बहते हुए खून को बंद तो कर दिया. लेकिन बच्ची को लेकर वीरपुर अनुमंडल अस्पताल जाना पड़ा. गार्ड ने बताया कि अभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन चौधरी की ड्यूटी है, लेकिन वे नहीं आए हैं. जब डॉ अर्जुन चौधरी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे किसी कार्य के सिलसिले में बाहर है. पिछले 13 वर्षों से प्रभारी के पद पर प्रतिनियुक्त है डॉ चौधरी जानकारी अनुसार डॉ अर्जुन चौधरी वर्ष 2004 में भीमनगर स्थित बसंतपुर पीएचसी में पदभार ग्रहण किया था. वहीं वर्ष 2012 से लगातार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर बने हुए है. लगातार इतने अधिक समय से एक ही स्थान पर बने रहने से सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है