नल-जल योजना, स्वास्थ्य सेवा और बिजली आपूर्ति पर तीखी बहस निर्मली. प्रखंड मुख्यालय स्थित टीपीसी भवन में शुक्रवार को पंचायत समिति की सामान्य बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख रामप्रवेश यादव ने की. इस अवसर पर बीडीओ आरुषि शर्मा, अंचलाधिकारी विजय प्रताप सिंह, प्रशिक्षु बीडीओ अजितेश झा समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की बुनियादी समस्याओं को मजबूती से उठाया. मुख्य रूप से मनरेगा कार्यों में सुस्ती, जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत नल-जल योजना की विफलता, स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति और बिजली आपूर्ति में अनियमितता जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कई पंचायतों में नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन तो बिछा दी गई है, परंतु अब तक जल आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. कुछ स्थानों पर पानी टंकी खड़ी है लेकिन उससे एक बूंद पानी भी नहीं आ रहा, जिससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता योजनाओं को विफल बना रही है. बैठक में नियमित अल्ट्रासाउंड सेवा के ठप रहने को लेकर भी सवाल उठाए गए. विभाग द्वारा रेडियोलॉजिस्ट की कमी को इसका कारण बताया गया, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इसे बहाना करार देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को नाम मात्र की व्यवस्था बताया. बैठक में बिजली आपूर्ति की अस्थिरता को लेकर भी विभागीय अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया गया. जनप्रतिनिधियों ने बताया कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के चलते किसानों की खेती प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि जब सरकार कृषि को प्राथमिकता देने की बात करती है, तो बिजली विभाग की उदासीनता समझ से परे है. बैठक में आंगनबाड़ी भवनों की कमी, विद्यालयों में चारदीवारी के अभाव और बायोमैट्रिक हाजिरी के लिए जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता जैसे मुद्दों को भी गंभीरता से उठाया गया. जनप्रतिनिधियों का कहना था कि विद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टि से चारदीवारी आवश्यक है, जो अब तक नहीं बनाई गई है. अनुपस्थित जनप्रतिनिधियों पर फूटा प्रखंड प्रमुख का गुस्सा प्रखंड प्रमुख रामप्रवेश यादव ने कई जनप्रतिनिधियों की बैठक में अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कार्रवाई तय मानी जाएगी. बैठक के अंत में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि सभी उठाए गए मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी. हालांकि प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि जब तक विभागीय अधिकारी कार्यों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते, तब तक योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पाएगा.
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