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कोसी नदी का जलस्तर इस वर्ष के उच्चतम स्तर पर, बाढ़ की संभावनाओं के मद्देनजर विभाग सतर्क

पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि जब तक नावों की सरकारी सुविधा नहीं दी जाती,

– तटबंध के भीतर दहशत में लोग सुपौल/ वीरपुर कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से पूर्वी तटबंध के भीतर बसे गांवों के लोग गहरे संकट में हैं. मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही नेपाल के तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से कोसी नदी उफान पर है, जिससे तटबंध के भीतर बसे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. तटबंध के भीतर स्थित घूरन पंचायत के निवासी मो परवेज ने कहा, “उजड़ना और बसना तो अब कोसीवासियों की नियति बन गई है. कभी बाढ़, तो कभी कटाव हमारी खुशहाली को निगल जाता है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों ने निजी स्तर पर नाव की व्यवस्था शुरू कर दी है. खेतों में पानी भरने से पशुचारे की समस्या भी गहराने लगी है. आवागमन बाधित होने से लोगों को खेतों तक पहुंचने में भारी दिक्कतें हो रही हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से नाव की सरकारी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि जब तक नावों की सरकारी सुविधा नहीं दी जाती, तब तक उन्हें निजी नावों पर निर्भर रहना पड़ेगा. खेतीबारी और आवागमन के लिए फिलहाल नाव ही एकमात्र सहारा बनी हुई है. कोसी नदी का जलस्तर इस वर्ष के उच्चतम स्तर पर कोसी बराज स्थित नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम 04 बजे कोसी नदी का जलस्तर 01 लाख 06 हजार 335 क्यूसेक पर पहुंच गया, जो इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक प्रवाह है. जल का दबाव कम करने के लिए कोसी बराज के 56 में से 11 फाटक खोल दिए गए हैं. बराह क्षेत्र में भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. सोमवार 04 बजे 59 हजार 950 क्यूसेक मापा गया. तटबंध फिलहाल सुरक्षित, सतर्क निगरानी जारी बाढ़ नियंत्रण कक्ष (कौशिकी भवन, मुख्यालय) से मिली जानकारी के अनुसार, कोसी नदी के दोनों तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. संवेदनशील और अति-संवेदनशील स्थलों पर अभियंताओं की सतत निगरानी जारी है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके. स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि बाढ़ के मद्देनजर नावों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जाए, ताकि सुरक्षित आवागमन संभव हो सके. साथ ही, पशुचारे की समस्या को देखते हुए राहत सामग्री की भी मांग की गई है. सदर अंचल में 06 सरकारी नावों का हो रहा परिचालन जिले में मानसून के साथ बाढ़ अवधि भी शुरू हो गया है. वही पिछले दो- तीन दिनों से कोसी नदी के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी भी हो रहा है. बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर सदर अंचलाधिकारी आनंद कुमार के द्वारा बाढ़ प्रभावित पंचायत में अनुश्रवण समिति की बैठक की जा रही है. बैठक में बाढ़ पूर्व तैयारी को समीक्षा की गई. सीओ आनंद कुमार ने बताया कि सदर अंचल क्षेत्र के 08 पंचायत के 32 वार्ड के करीब 36 हजार लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहते है. बताया कि बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर अब तक 06 सरकारी नाव का परिचालन विभिन्न घाटों से हो रहा है. कहा कि जिला परिवहन विभाग को 75 नावों के निबंधन को लेकर पत्राचार किया गया. जिसमें 21 नावों का नवीनीकरण किया गया है. विभागीय निरीक्षण और निगरानी तेज कोसी नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के पार पहुंचने के बाद विभागीय सतर्कता और भी बढ़ा दी गई है. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर संजय कुमार, हेडवर्क्स डिवीजन के कार्यपालक अभियंता बबन पाण्डेय और एसडीओ ने स्वयं कोसी बराज के फाटक संख्या 13 पर पहुंचकर निरीक्षण किया. सोमवार को फ्लशिंग कार्य के चलते पूर्वी और पश्चिमी कोसी मुख्य नहरों को अस्थायी रूप से बंद रखा गया. वहीं, कोशी भवन स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार कोसी के दोनों तटबंधों के सभी स्पर एवं स्टर्ड सुरक्षित हैं और तटबंधों पर निरंतर निगरानी की जा रही है.

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