महिला जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर होती रही चर्चा त्रिवेणीगंज. प्रखंड मुख्यालय स्थित टीपीसी भवन में गुरुवार को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वितीय चरण के तहत आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता बीडीओ अविनव भारती ने की, जबकि संचालन प्रखंड समन्वयक रुबी कुमारी ने किया. बैठक में बीडीओ ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस बार के सर्वेक्षण में खुले में शौच से मुक्ति, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक स्थलों की सफाई, गांव की सुंदरता, जन सहभागिता जैसे बिंदुओं को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही 2021 से 2025 के बीच की गई स्वच्छता गतिविधियों और निर्मित परिसंपत्तियों की स्थिति का भी आकलन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से फीडबैक लेने के लिए फील्ड सर्वे कराया जाएगा और लोगों की राय को मूल्यांकन का अहम हिस्सा माना जाएगा, ताकि पंचायत स्तर पर वास्तविक स्थिति का समग्र विश्लेषण हो सके. बैठक में बीपीआरओ मनीष कुमार मीनू, सीडीपीओ रजनी गुप्ता, स्वच्छता पर्यवेक्षक रंजीत कुमार, सुरेन्द्र कुमार सुमन, मो. अकबर, भोगेंद्र कुमार, धर्मेन्द्र कुमार समेत कई पदाधिकारी व कर्मी मौजूद रहे. महिला जनप्रतिनिधियों की जगह प्रतिनिधियों की उपस्थिति बनी चिंता का विषय बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू भी चर्चा का विषय बन गया. कई पंचायतों से चुनी गई महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति देखी गई. यह स्थिति एक बार फिर स्थानीय राजनीति में महिला आरक्षण की वास्तविकता और उसके प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है. जबकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पंचायतों में आरक्षण दिया गया है, लेकिन व्यावहारिक धरातल पर फैसलों पर नियंत्रण पुरुषों का ही बना हुआ है. इस तरह की बैठकों में महिलाओं की गैरमौजूदगी न केवल चिंता का विषय है, बल्कि यह सरकार की नारी शक्ति सशक्तिकरण नीति को भी चुनौती देती है.
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