सुपौल. सदर प्रखंड के चकडुमरिया स्थित शिव मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य “विक्टिम मुआवजा योजना ” के प्रति आमजन को जागरूक करना था. कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता विमलेश कुमार ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि यह योजना उन व्यक्तियों अथवा उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो किसी अपराध के शिकार हुए हैं. यह योजना भारतीय दंड संहिता की धारा 357 ए के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाती है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत पीड़ितों को चिकित्सा, पुनर्वास, एवं कानूनी सहायता संबंधी खर्चों के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. पीड़ित अथवा उनके आश्रित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं. पैनल अधिवक्ता ने उदाहरण स्वरूप बताया कि यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल होता है, या कोई महिला बलात्कार की शिकार होती है, अथवा किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी अपराध के चलते हो जाती है, तो इन सभी मामलों में पीड़ित या उनके आश्रित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत एसिड अटैक के मामलों में भी तत्काल राहत के रूप में आर्थिक सहायता, चिकित्सा सुविधा और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है. इसके अतिरिक्त, पोक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत यौन अपराधों के शिकार बच्चों को विशेष न्यायालय द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान है. इस कार्यक्रम में स्थानीय पीएलवी मो मुअज्जम एवं मो निजाम सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
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