सुपौल. जिले में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में इस बार संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर बचाव और तैयारी का कार्य शुरू कर दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया जा रहा है व संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. जिला आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार जिले के पांच प्रखंडों की 33 पंचायतों में लगभग तीन लाख लोग प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इनमें से 10 पंचायतें पूर्ण रूप से और 23 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित होती हैं. जिसमें सदर प्रखंड के 04 पंचायत पूर्ण रूप से, 04 पंचायत आंशिक रूप से, किशनपुर प्रखंड के 04 पंचायत पूर्ण रूप से, 05 पंचायत आंशिक रूप से, सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के 02 पंचायत पूर्ण रूप से, 04 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित होते हैं. जबकि निर्मली प्रखंड के 04 पंचायत आंशिक रूप से एवं मरौना प्रखंड के 06 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित होते हैं. बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा सदर अंचलाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है. सदर अंचल क्षेत्र के कुल 08 पंचायतों में बाढ़ का प्रभाव पड़ता है, जिनमें 04 पंचायतें पूर्ण रूप से और 04 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित होती हैं. अंचल स्तर पर की जा रही तैयारी संभावित बाढ़ को लेकर अंचल स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है. सदर अंचल में 08 सरकारी नाव है. जिसमें 04 संचालित है. जबकि 04 का मरम्मत कराया जा रहा है. वहीं 100 निजी नाव संचालन का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 20 नावों का निबंधन किया गया है. इसके अलावे 20 लाइफ जैकेट उपलब्ध है और 100 और की मांग की गई है. स्पर को किया गया अतिक्रमण मुक्त संभावित बाढ़ को देखते हुए पूर्वी कोसी तटबंध के 72 किलोमीटर स्पर को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. इसके अलावे जगह-जगह ईसी बैग और जिओ बैग का स्टॉक किया गया है. इतना ही नहीं 03 बाढ़ आश्रय स्थल को ठीक कराया जा रहा है.
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