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Teachers Day: अनोखा है बिहार के इन शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका, खेल-खेल में बच्चों को समझा देते हैं कठिन विषय

बिहार के विभिन्न जिलों के सरकारी विद्यालयों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो खेल व कला के माध्यम से बच्चों को तालिम दे रहे हैं. आए दिन बच्चों को खास एक्टिविटी के जरिये शिक्षा देने वाले इन शिक्षकों का वीडियो भी वायरल होता रहता है.

Teachers Day: बिहार के विभिन्न जिलों के सरकारी विद्यालयों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो खेल व कला के माध्यम से बच्चों को तालिम दे रहे हैं. आए दिन बच्चों को खास एक्टिविटी के जरिये शिक्षा देने वाले इन शिक्षकों का वीडियो भी वायरल होता रहता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ शिक्षकों के बारे में बता रहें हैं, जो अपने पढ़ाने की अनोखी शैली की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं. इन शिक्षकों की वजह से कई स्कूलों की तस्वीर भी बदली है.

पढ़ाने के आनंदायी तरीके के लिए प्रसिद्ध हैं ये शिक्षक

मुजफ्फरपुर राजकीय मध्य विद्यालय कांटी कस्बा के प्रधानाध्यापक गोपाल फलक पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया को रोचक, सरल व आनंददायी बनाने के लिए जिले से लेकर राज्य स्तर तक चर्चित हैं. वे क्लास में कला के माध्यम से रोचक माहौल बनाकर बच्चों को पढ़ाते हैं. जितनी देर क्लास में रहते हैं, बच्चे पूरी एकाग्रता से उनकी बात सुनते हैं. गोपाल फलक का कहना है कि दृश्य कला और प्रदर्शन कला का उपयोग कक्षा में एकाग्रता व ज्ञान सृजन के लिए वातावरण निर्माण में सहायक है. पुतली कला के माध्यम से पर्यावरण, भाषा और विज्ञान के ज्ञान का विस्तार होता है. दृश्य कला गणित के ज्यामितीय आकृति की समझ के साथ छोटे-बड़े विभेदीकरण और भाषा के विकास में सहायक है. उनका कहना है कि वस्तु, व्यक्ति और प्रकृति के साकार रूप की समझ दृश्य कला के माध्यम से ठोस व स्थायी होती है.

गोपाल फलक ने कहा कि कला के माध्यम से सृजनशीलता, रचनात्मकता, कौतुहल, समस्या समाधान व करके सीखने की प्रवृति की समग्र विकास होती है. उनका पूरा प्रयास होता है कि बच्चों को हर तरीके से पाठ्यक्रम रोचक बनाते हुए पढ़ाएं. इससे सीखना बोझिल नहीं रहता. साथ में बच्चे अपनी लोककला के साथ समृद्ध परंपरा के बारे में भी जान लेते हैं.

प्राइमरी के बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाते हैं केशव

मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय बखरी के शिक्षक केशव कुमार अपने क्लास में बच्चों के बीच विषय वस्तु को रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं. शिक्षक केशव कुमार स्मार्ट क्लास के माध्यम से विषय वस्तु से संबंधित वीडियो, पीपीटी, पोस्टर का प्रयोग कर रहे हैं. इससे बच्चे आसानी से विषय वस्तु समझ लेते हैं. केशव कुमार ने कहा कि विद्यालय में आगा खान फाउंडेशन के द्वारा स्कूल 2030 कार्यक्रम के अंतर्गत स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. साथ ही इंटरनेट युक्त दो टैब भी उपलब्ध कराये गये हैं. विद्यालय में उपलब्ध इन आइसीटी उपकरणों का प्रयोग बच्चों के बीच आवश्यकतानुसार किया जा रहा है. उन्होंने कहा शिक्षक अधिगम प्रक्रिया में आइसीटी के उपयोग के कारण विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी है. बच्चे आनंददायक माहौल में शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. कोरोना काल में आइसीटी उपकरणों से समृद्ध बच्चे ऑनलाइन माध्यम से इनसे जुड़कर पढ़ाई कर पाए थे.

खेल-खेल में छात्रों को समझा देते हैं सब्जेक्ट

समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह के चर्चित शिक्षक बैद्यनाथ रजक छात्रों को खेल-खेल में कई विषय पढ़ा देते हैं. वो अपने खास स्टाइल में बच्चों को पढ़ाने के साथ जागरूक भी करते हैं. स्कूल में पढ़ाने के दौरान बच्चों को चक्रवाती तूफान, आंधी और खतरे से बचने को लेकर उनका पढ़ाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. इसके अलावा डेंगू, मलेरिया आदि जैसे बीमारियों के आरे में भी वो बच्चों को अनोखे तरीके से जागरूक करते हैं.

खेल खेल में बच्चों को पढ़ाती हैं शिक्षिका

बांका जिले के कटोरिया प्रखंड अंतर्गत प्रोन्नत मध्य विद्यालय कठौन की शिक्षिका खुशबू कुमारी अनोखे तरीके से बच्चों को पढ़ाने की वजह से सुर्खियों में आई थी. इनका एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो बच्चों के साथ खेल के मैदान में लुका-छिपी और डांस करती नजर आई थी. शिक्षिका खुशबू कुमारी के पति मनीष कुमार भी कटोरिया के एक स्कूल में शिक्षक हैं. खुशबू कुमारी पिछले 10-11 सालों से बच्चों को पढ़ा रही हैं.

गाने के जरिए बच्चों को व्याकरण पढ़ाती हैं शिक्षिका

रोहतास जिले के डीहरी प्रखंड के भेड़िया सुअरा मध्य विद्यालय की शिक्षिका नंदिनी बच्चों को गीतों के जरिए व्याकरण पढ़ाती हैं. टीचर नादिनी के कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें उन्हें बच्चों को अनोखे तरीके से पढ़ाते देखा गया. गाने के माध्यम से बच्चों को व्याकरण के साथ ही स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में फर्क बताती हैं. नंदिनी का एक वीडियो है. जिसमें वो नाम से गाना गा रहीं तेरा नाम लिख दिया, मतलब नाम पुलिंग है. तेरी हिफाजत मेरी हीफाजत करती है वर्दी, मतलब वर्दी स्त्रीलिंग है. धरती सुनहरी, अंबर नीला, मौसम रंगीला, मतलब धरती स्त्रीलिंग जबकि अंबर और मौसम पुलिंग हुए. गीतों के माध्यम से वो हिंदी व्याकरण पढ़ाती हैं.

खेल–खेल में बच्चों को पढ़ाती हैं शिक्षिका

खगड़िया के मध्य विद्यालय सोनवर्षा की एक शिक्षिका का भी डांस कर बच्चों को पढ़ाने का वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में शिक्षिका लकड़ी की कांटी, कांटी का घोड़ा वाले गाने पर बच्चों को पढ़ा रही थी. इस अनोखे तरीके की वजह से बच्चे खेल-खेल में काफी कुछ सिख जाते हैं.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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