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कोरोना से लड़ने की नयी तकनीक पर काम कर रही है दिल्ली सरकार, केंद्र ने दी इजाजत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर क्या स्थिति है. केजरीवाल ने कहा, मुझे पता है कि आपको परेशानिया आ रहीं है लेकिन हम मिलकर ही इसे हरा सकते हैं.

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली सरकार कोरोना से लड़ने के लिए एक नयी तकनीक पर काम कर रही है. तैयारी पूरी कर ली गयी है और इस तकनीक पर दो – तीन दिनों में काम शुरू हो जायेगा. अगर यह तकनीक सफल रही तो पहले से कई बीमारियों के बाद कोरोना संक्रमण हुए मरीजों को फायदा मिलेगा. केजरीवाल ने कहा, मुझे पता है कि आपको परेशानिया आ रहीं है लेकिन हम मिलकर ही इसे हरा सकते हैं.

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कोरोना की वजह से सभी निराश हैं लेकिन एक आशा की किरण दिखाई दे रही है. कुछ देशों में प्लाजमा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ नतीजे अच्छे आये. कोरोना से तभी मुक्ति मिलेगी जब वेक्सीन मिल जायेगा.

केजरीवाल ने कहा, इस वक्त हमारे पास दो चैलेंज है. पहला कोरोना को रोकना दूसरा अगर किसी को यह हो जाए तो वह स्वस्थ होकर लौटे, उसकी मौत ना हो. अघर उसे कोई और बीमारी है तो खतरा बढ़ जाता है. इन मामलों में जो गंभीर मरीज है उनमें प्लाज्मा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल हो तो उनके बचने के मौके ज्यादा होते हैं. दिल्ली के डॉक्टरों ने अध्ययन किया है और इसकी ट्राइल शुरू होने वाली है. केंद्र ने भी इसकी इजाजत दे दी है. इसके इस्तेमाल से हम गंभीर मरीजों को बचा सकेंगे.

क्या है तरीका

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, यह सफल होता है या नहीं इसका पता तो ट्रायल के बाद ही चलेगा. अगर किसी को कोरोना हो जाता है तो ठीक होने के बाद एंटी बॉडिज डेवेलप हो जाते हैं. ठीक हुआ कोरोना व्यक्ति रक्त देता है उसके खून में से प्लाज्मा निकाला जाता है. इसको किसी दूसरे मरीज में डाला जाता है. नये पेसेंट में भी ठीक होने वाले एंटी बॉडिज पैदा हो जाता है. कुछ राज्य भी इस पर काम कर रहे हैं जिनमें केरला, महाराष्ट्र जैसे राज्य है.

दिल्ली में 57 जोन, कैसे लड़ रहे हैं कोरोना से

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में हमने 57 जोन बनाये हैं जिसमें 3 या तीन से ज्यादा मरीज मिलते हैं तो हम उसको सील कर देते हैं तो ऐसे हमारे पास 57 जोन है. इसके बाद हम ऑपरेशन शुरू करते हैं.

सबसे पहला काम होता है कि जरूरी सुविधाएं आप तक पहुंचे. इसके लिए आपको सब्जी, राशन, दवा जैसी जरूरी चीजें घर पर उपलब्ध होती है. इलाके को सेनिटाइज किया जाता है. घर का सर्वे होता है यह डोर टू डोर होता है. यह सबका होता है. जिनमें कोरोना के लक्षण मिलते हैं उनका सैंपल लिया जाता है. जिनके लक्षण हो उनका सैंपल लिया जाता है सबका नहीं. इसके अच्छे असर पड़ रहे हैं दिलशाद गार्डन, वंसुधरा इन्क्लेव, खिचड़ीपूर की तीन गलियों में 15 दिनों में कोई मामला नहीं है.

दिल्ली में कोई भूखा नहीं सोयेगा

केजरीवाल ने कहा, हमारी गुजारिश है कि आप मदद करें. हमने सरकार की तरफ से खाने का पूरा इंतजाम किया है. हमारे यहां खाने की कोई कमी नहीं है. 71 लाख लोगों को राशन दिया है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे उन्हें राशन दे रहे हैं. मेरी सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है गरीब लोगों को पता नहीं चलता कि सरकार कहां व्यस्था कर रही है. हमें कल आप लोगों ने यमुना के विषय में बताया कि बहुत सारे लोग मौजूद हैं हमने उनके खाने की रहने की व्यस्था की. हमारी नजर हर वक्त रहती है मीडिया की साथी भी हमें बतायें कि कहां कौन भूखा है हम उनतक खाना पहुंचायेंगे.

मीडिया से अनुरोध करते हुए केजरीवाल ने कहा, इस वक्त सबकी जिम्मेदारी बनती है अगर कोई भूखा सो रहा है तो उसे हमारी व्यस्था के बारे में बताइये हम तक पहुंचाइये. कल 9 लाख लोगों ने खाना खाया है हमें मिलकर प्रयास करना होगा. कई सारे करोना के मरीज अप्रैल में आये थे वह ठीक हो रहे हैं.

PankajKumar Pathak
PankajKumar Pathak
Senior Journalist having more than 10 years of experience in print and digital journalism.

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