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सड़कों को सेनेटाइज करने के लिए आइआइटी गुवाहटी ने तैयार किया ड्रोन स्प्रेयर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), गुवाहाटी के छात्रों ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्वचालित स्प्रेयर वाले ड्रोन का निर्माण किया है. इस ड्रोन की मदद से सड़कों, पार्कों और फुटपाथों सहित कई बड़े क्षेत्रों को आसानी से सेनेटाइज किया जा सकता है. ड्रोन स्प्रेयर सिस्टम तैयार करनेवाले इन छात्रों का रेसरफ्लाइ नामक एक भी स्टार्ट-अप है. असम व उत्तराखंड की सरकार इन छात्रों से अपने ड्रोन स्प्रेयर सिस्टम के साथ कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होकर उनका साथ देने की पेशकश कर चुकी है.

नयी दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), गुवाहाटी के छात्रों ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्वचालित स्प्रेयर वाले ड्रोन का निर्माण किया है. इस ड्रोन की मदद से सड़कों, पार्कों और फुटपाथों सहित कई बड़े क्षेत्रों को आसानी से सेनेटाइज किया जा सकता है. ड्रोन स्प्रेयर सिस्टम तैयार करनेवाले इन छात्रों का रेसरफ्लाइ नामक एक भी स्टार्ट-अप है. असम व उत्तराखंड की सरकार इन छात्रों से अपने ड्रोन स्प्रेयर सिस्टम के साथ कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होकर उनका साथ देने की पेशकश कर चुकी है.

आइआइटी गुवाहाटी के इन छात्रों का दावा है कि जिस जगह को सेनेटाइज करने में एक व्यक्ति 1.5 दिन का समय लेता है, यह ड्रोन स्प्रेयर उसे 15 मिनट से भी कम समय में सेनेटाइज कर सकता है. आइआइटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग करनेवाले अनंत मित्तल की मानें, तो इस स्प्रेयर सिस्टम को केवल एक ऑपरेटर द्वारा किसी भी स्थान पर बैठकर संचालित किया जा सकता है, जिससे कीटाणुनाशक का छिड़काव करनेवाले कई क्लीनर की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. साथ ही, इस ड्रोन का इस्तेमाल वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए भी किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस स्प्रेयर सिस्टम ड्रोन की मदद से कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी किये गये सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करते हुए सड़कों व बड़ी जगहों को वायरस मुक्त बनाया जा सकता है.

अनंत ने बताया कि यह ड्रोन क्रैशप्रूफ है. किसी बिल्डिंग से टकराव या अन्य बाधा आने की स्थिति में यह खुद को नुकसान से बचा सकता है. गूगल मैप की मदद से किसी सड़क या क्षेत्र का चयन कर तीन किलोमीटर की सिग्नल रेंज के अंदर स्प्रेयर ड्रोन को उसे सेनेटाइज करने के लिए स्वचालित किया जा सकता है. एक ड्रोन एक उड़ान में 1.2 हेक्टेयर से अधिक और एक दिन में 60 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र कवर कर सकता है.

ड्रोन का निर्माण करनेवाली पांच-सदस्यीय टीम के अनुसार यह ड्रोन प्रति मिनट दो से चार लीटर कीटाणुनाशक स्प्रे कर सकता है और एक बार चार्ज करने पर इसे दो बार भरा जा सकता है. अनंत के अनुसार एक ड्रोन स्प्रेयर लगभग 20 श्रमिकों का काम अकेले कर सकता है, जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए जगहों को वायरस मुक्त बनाने में काफी मददगार हो सकता है. हमें अनुमति मिले, तो हम 15 से 20 दिनों में 15 ड्रोन बना सकते हैं और इस महीने के अंत तक 50 ड्रोन स्प्रेयर तैयार कर सकते हैं.

PankajKumar Pathak
PankajKumar Pathak
Senior Journalist having more than 10 years of experience in print and digital journalism.

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