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रुकेगी नहीं, झुकेगी नहीं! कभी थी पीउन, आज ऑपरेट कर रहीं फीडर ब्रेकर और क्रशर मशीन

Bokaro News : बोकारो जिले के बेरमो की चार महिलाएं पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. इनमें कोई फीडर ब्रेकर मशीन चला रही है तो कोई क्रशर मशीन ऑपरेट कर रही है. ये तीनों ही महिलाएं पिछले कई वर्षों से इस कार्य से जुड़ी हुई है.

बेरमो, राकेश वर्मा : किसी भी क्षेत्र में महिलाएं आज पुरुषों से पीछे नहीं है. हर क्षेत्र में भारतीय महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं. बोकारो जिले के बेरमो की चार महिलाएं पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. इनमें कोई फीडर ब्रेकर मशीन चला रही है तो कोई क्रशर मशीन ऑपरेट कर रही है. ये चारों ही महिलाएं पिछले कई वर्षों से इस कार्य से जुड़ी हुई है.

मशीन के साथ हो गयी है कुन्नी की दोस्ती

Kunni Kumari
कुन्नी कुमारी

कुन्नी कुमारी बीते 9 सालों से फीडर ब्रेकर मशीन चला रही है. वह इससे पहले अमलो साइडिंग में पीउन थी. इसी बीच वर्ष 2016 में ढोरी के तत्कालीन जीएम कोटेश्वर राव ने मशीन चलाने के लिए कुन्नी को प्रेरित किया. शुरुआत में तो कुन्नी थोड़ी हिचकिचायी. लेकिन फिर धीरे-धीरे कुन्नी फीडर ब्रेकर मशीन चलाना सिख गयी. उसे मशीन चलाते हुए इतना अनुभव हो गया है कि अब वह मशीन की तकनीकी खराबी भी दुरुस्त कर लेती है.

सीखने की ललक और मिल गयी चरकी को नौकरी

Charki Kumari
रुकेगी नहीं, झुकेगी नहीं! कभी थी पीउन, आज ऑपरेट कर रहीं फीडर ब्रेकर और क्रशर मशीन 5

चरकी कुमारी भी पिछले 6 सालों से फीडर ब्रेकर मशीन चला रही है. इससे पहले वह अमलो प्रोजेक्ट में पीउन का काम करती थी. चरकी कुमारी ने बताया कि जब उसे पहले दिन मशीन ऑपरेट करने की जिम्मेदारी मिली तो वह काफी डरी हुई थी. लेकिन उसमें सीखने की ललक थी और वह फीडर ब्रेकर मशीन चलाना सिख गयी. उसकी यह ललक उसके काफी काम आयी जब उसके पिता का निधन हो गया. वर्ष 1993 में पिता के निधन के बाद चरकी को मशीन ऑपरेट करने की नौकरी मिल गयी.

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पहले डरी, फिर लड़ी और जीत गयी तुलसी

Tulsi Kumari
तुलसी कुमारी

तुलसी कुमारी भी पिछले 6 सालों से क्रशर मशीन चला रही हैं. पहले वह अमलो प्रोजेक्ट के 12 नंबर में पीउन थीं. तुलसी ने बताया कि जब उसे पहली बार मशीन ऑपरेट करने की जिम्मेदारी मिली, तो वो काफी डरी हुई थी. लेकिन तुलसी ने हार नहीं मानी और साथी कामगारों को देख उनसे प्रेरणा ली. वर्ष 1996 में मां सोनी देवी के निधन के बाद तुलसी को नौकरी मिली थी.

जज्बे के साथ आगे बढ़ी गंगा

गंगा देवी भी पिछले 6 सालों से मशीन ऑपरेट कर रही है. गंगा भी पहले पीउन का काम करती थी. लेकिन जब उसे मशीन ऑपरेट करने की जिम्मेदारी मिली तो अपने जज्बे के साथ वह आगे बढ़ी. पति के निधन के बाद गंगा देवी को सीसीएल में नौकरी मिली. आज गंगा आसानी से मशीन ऑपरेट कर रही हैं.

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Dipali Kumari
Dipali Kumari
नमस्कार! मैं दीपाली कुमारी, एक समर्पित पत्रकार हूं और पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं, जहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पूर्व दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी कार्य करने का अनुभव है.

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