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Exclusive: एक्टर खाने की थाली में अचार या मीठा जैसा, जो स्वाद बढ़ाता है, बोले एहसान कुरैशी

Ehshan Qureshi in Bermo Jharkhand: एहसान कुरैशी ने कहा कि एक समय था, जब फिल्म सिर्फ हास्य अभिनेता की बदौलत चलती थी. महमूद, आइएस जौहर, केष्टो मुखर्जी सहित कई ऐसे बड़े हास्य अभिनेता थे, जिनकी कॉमेडी देखने व सुनने सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती थी. बदलते दौर में बड़े-बड़े अभिनेता हास्य के किरदार निभा रहे हैं. खासकर अमिताभ बच्चन एवं गोविंदा के समय से यह दौर शुरू हुआ. इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता गया.

Ehshan Qureshi in Jharkhand| बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : चर्चित हास्य अभिनेता एहशान कुरैशी ने कहा है कि कॉमेडी का अपना अलग महत्व है. जैसे खाने की थाली में अचार का एक टुकड़ा या फिर मीठा जायका बढ़ाता है, वैसे ही हास्य अभिनेता खाने की थाली में अचार या मीठा है. लोग काफी मेहनत से आम के अचार बनाते हैं. इसलिए हास्य का महत्व बरकरार रहना चाहिए. हास्य अभिनेता कुरैशी ‘प्रभात खबर’ बेरमो कार्यालय में विशेष बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि मोबाइल के इस दौर में शादी समारोह, बच्चे का जन्मदिन, महिला संगीत में हंसाने के लिए लोग हास्य कलाकार को बुलाते हैं. कवि सम्मेलनों में भी हास्य अभिनेता जाते हैं. हमारे श्रोता हमें मंच पर देखते ही हंसने लगते हैं. हमलोगों के समय में हमारे पास सिर्फ एक माइक होता था और उसी से हम श्रोताओं को अपनी आवाज से हंसाते थे.

उन्होंने कहा कि एहसान कुरैशी का सिर्फ टोन सुनकर लोग हंस पड़ते हैं. आज भी कई जगहों पर शो करते हैं और इस भाग-दौड़ की जिंदगी में श्रोताओं को हंसाते हैं, तो अंदर से काफी खुशी मिलती है कि चलो किसी को हंसाने के तो काम आया.

बदलते दौर में बड़े-बड़े अभिनेता करते हैं हास्य किरदार

एहसान कुरैशी ने कहा कि एक समय था, जब फिल्म सिर्फ हास्य अभिनेता की बदौलत चलती थी. महमूद, आइएस जौहर, केष्टो मुखर्जी सहित कई ऐसे बड़े हास्य अभिनेता थे, जिनकी कॉमेडी देखने व सुनने सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती थी. बदलते दौर में बड़े-बड़े अभिनेता हास्य के किरदार निभा रहे हैं. खासकर अमिताभ बच्चन एवं गोविंदा के समय से यह दौर शुरू हुआ. इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता गया. अब एक्शन अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन भी हास्य अभिनेता की भूमिका कर रहे हैं.

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एहसान कुरैशी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कॉमेडी का काम कॉमेडियन को ही करने दें.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमारे जमाने में टीवी पर श्रोताओं का एक बड़ा तबका हमारी कॉमेडी देखने और सुनने के लिए रोजाना रात में समय देते थे. मेरे अलावा, भगवंत मान, राजू श्रीवास्तव, सुनील पॉल सहित कई हास्य कलाकार लोगों का भरपूर मनोरंजन करते थे. भगवंत मान, तो पंजाब के मुख्यमंत्री बन गये.’

उन्होंने कहा कि राजू श्रीवास्तव को ईश्वर ने अपने पास बुलाया लिया. अभी भी कई जूनियर कलाकार काफी अच्छा कर रहे हैं. मोबाइल के इस जमाने में श्रोता टीवी से दूर होते जा रहे हैं. दुख इस बात का है कि अब कॉमेडियन के नाम पर कॉमेडी का इनसल्ट (अपमानित) किया जाता है. लड़के, लड़की बन जा रहे हैं.

बच्चों की मेमोरी कमजोर कर रहा है मोबाइल

हास्य अभिनेता ने कहा कि पहले लोग आपस में दुख-दर्द बांटते थे, लेकिन मोबाइल आने के बाद उसमें काफी कमी आयी है. परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग खोमचे (कमरे) में घुसकर मोबाइल देखते रहते हैं. बच्चों में संस्कार का अभाव होता जा रहा है. मोबाइल के कारण बच्चों की मेमोरी कमजोर हो रही है. बच्चों को पहाड़ा और शब्द याद नहीं हो रहा है. हमारे जमाने में मोबाइल का प्रचलन नहीं था. उस समय हर बात हमारे दिमाग में उतरती थी.

जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं, और जुर्म क्या है पता नहीं…

कुरैशी ने कहा कि आज हर व्यक्ति तनावग्रस्त है. घर में टेंशन है, तो घर के बाहर भी कई तरह के टेंशन झेलने पड़ते हैं. इसलिए ठीक ही कहा गया है कि ‘जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं, और जुर्म क्या है पता नहीं…’ उन्होंने कहा कि आज घरों में संयुक्त परिवार की परिभाषा खत्म हो रही है. पहले एक साथ घर का चौका लगता था. परिवार के सारे सदस्य आपस में बैठकर दुख-दर्द बांटते थे. गांव में चौपाल लगता था. मोबाइल युग में यह धीरे-धीरे गायब हो रहा है.

जल्द रिलीज होगी हिंदी फिल्म ‘फैमिली 420’

एहसान कुरैशी ने कहा कि मेरी फिल्म ‘बांबे टू गोवा’ को दर्शकों ने काफी रिस्पांस दिया था. जल्द मेरी एक नयी फिल्म ‘फैमिली 420’ रिलीज होने जा रही है. मैं लोगों से सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि थोड़ा वक्त निकालकर जरूर हंसें. हंसना सेहत के लिए बहुत जरूरी है. चेहरे पर कुटिल मुस्कान की बजाय दिल खोलकर और मन साफ करके हंसें. परिवार, नाती-पोते के साथ हंसें.

आतंकवादियों को पनाह देता है पाकिस्तान

हास्य अभिनेता एहसान कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है. अपने लोगों को युद्ध और बर्बादी देता है. अगर देना है, तो अपने लोगों को रोजगार और रोटी दो. वर्ष 2011 में इसी पाकिस्तान में अमेरिका ने घुसकर लादेन को मारा था. भारत ने पहलगाम आतंकी घटना का जिस तरह बदला लिया, उससे हम सभी भारतीयों का सीना चौड़ा हो गया है.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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