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दुनिया के सबसे लंबे अटल सुरंग का निर्माण झारखंड की मदद के बिना संभव नहीं था, जानिए कैसे?

Jharkhand news, Bokaro news : भारत की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने 'अटल रोहतांग सुरंग' के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील के अधिकांश हिस्से की आपूर्ति की है. इस परियोजना में इस्तेमाल किए गए कुल 15,000 टन स्टील में से 9,000 टन से भी अधिक की गुणवत्तापूर्ण स्टील की आपूर्ति सेल द्वारा की गयी है. 3000 मीटर से भी अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग बनने के लिए तैयार है. कंपनी ने एक बार फिर से देश के एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण और भारत को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभायी है.

Jharkhand news, Bokaro news : बोकारो : भारत की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने ‘अटल रोहतांग सुरंग’ के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील के अधिकांश हिस्से की आपूर्ति की है. इस परियोजना में इस्तेमाल किए गए कुल 15,000 टन स्टील में से 9,000 टन से भी अधिक की गुणवत्तापूर्ण स्टील की आपूर्ति सेल द्वारा की गयी है. 3000 मीटर से भी अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग बनने के लिए तैयार है. कंपनी ने एक बार फिर से देश के एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण और भारत को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभायी है.

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister of Petroleum and Natural Gas and Steel Dharmendra Pradhan) ने सेल की सराहना करते हुए कहा कि यह सुरंग स्थानीय लोगों को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ रणनीतिक गतिविधियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी. इसके साथ ही यह सुरंग स्पीति घाटी (Spiti Valley) से जुड़ाव में मददगार साबित होगी.

निर्माण स्थल और मौसम की भारी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए यह सुरंग हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सेल ने इस परियोजना के लिए भारी मात्रा में स्टील की आपूर्ति की है. सेल हमेशा से देश निर्माण की जरूरतों को पूरा करने में आगे रहा है. स्टील की हर ज़रूरत को पूरा किया है. सेल का देश निर्माण की दिशा में यह योगदान आगे भी जारी रहेगा.

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बिम्स बनाने के लिए लगभग 6500 टन टीएमटी

यह सुरंग सभी मौसमों में आवागमन के लिए अनुकूल होगी, जो पूरे वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मनाली (Manali ) को लाहौल और स्पीति वैली (Lahaul and Spiti Valley) को जोड़ेगी. सेल द्वारा आपूर्ति की जाने वाली 9000 टन स्टील में बिम्स बनाने के लिए लगभग 6500 टन टीएमटी, 1500 टन स्ट्रक्चलर और 1000 टन प्लेट और स्टेशन एवं कंट्रोल रूम (Station and Control Room) बनाने के लिए के लिए कुछ मात्र जीपी/जीसी शीट्स (GP / GC sheets) की शामिल हैं.

सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सेल हमेशा से देश सेवा के प्रति प्रतिबद्ध है और देश निर्माण के लिए इसी तरह आगे भी काम करता रहेगा. सेल अपनी नयी सुविधाओं के जरिये देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने की क्षमता और विशेषज्ञता बढ़ा रही है. भारत आत्मनिर्भर बनने की राह की ओर बढ़ रहा है, जिसके लिए देश के हर जरूरी बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करने लिए सेल मजबूत स्टील के उत्पादन को जारी रखेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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