Dhanbad News | बाघमारा, रंजीत सिंह: धनबाद जिले के बाघमारा में खानूडीह स्टेशन के तेलोटॉड स्थित प्राचीन शिव मंदिर के सामने रेलवे द्वारा निर्मित अंडरपास पहली बारिश में ही अपनी गुणवत्ता की पोल खोल रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से 6 माह पूर्व बने इस अंडरपास की दीवारों से कई जगहों पर पानी फव्वारे की तरह निकल रहा है.
नवनिर्मित अंडरपास की यह स्थिति देख हैरान हुए लोग
शुक्रवार को लगातार हुई बारिश के बाद नवनिर्मित अंडरपास की यह स्थिति देख स्थानीय लोग हैरान रह गये. कुछ लोग मजाक में अंडरपास की दीवारों से निकलते पानी में हाथ धो रहे थे, तो कुछ इसे सावन के पहले दिन शिव मंदिर से निकलने वाली बाबा की जटा की धार से जोड़कर देख रहे थे. केवल 6 माह पूर्व बने अंडरपास की यह स्थिति निर्माण कार्य में घोर लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है.
अंडरपास की स्थिति जर्जर, घट सकती है बड़ी दुर्घटना
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस अंडरपास की स्थिति इतनी जर्जर है कि यह कभी भी धराशायी हो सकता है. इसके ऊपर से राजधानी एक्सप्रेस सहित भारी मालवाहक रेलगाड़ियों का आवागमन होता है, साथ ही नीचे से सैकड़ों दोपहिया और चार पहिया वाहनों का निरंतर आवागमन होता है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
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डीआरयूसी सदस्य ने की शिकायत
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आद्रा रेल मंडल के डीआरयूसी सदस्य व सांसद प्रतिनिधि विजय शर्मा ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर शिकायत दर्ज की है. उन्होंने सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को भी इसकी जानकारी दी. शर्मा ने कहा कि पहली बारिश में ही अंडरपास की ऐसी हालत चिंताजनक है और इसका भविष्य अनिश्चित है. उन्होंने रेलवे से तत्काल इसकी मरम्मत और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
इस तरह की लापरवाही, पैसे की बर्बादी
मालूम हो यह अंडरपास उस स्थान पर बना है, जहां पहले एक गर्म पानी का दाड़ी (झरना) हुआ करता था. मकर संक्रांति के अवसर पर बाघमारा क्षेत्र के लोग वहां स्नान करने के लिए एकत्रित होते थे. लेकिन, समय के साथ यह प्राकृतिक झरना विलुप्त हो गया. अब अंडरपास की स्थिति को देखकर स्थानीय लोग निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. रेलवे द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इस तरह की लापरवाही न केवल जनता के पैसे की बर्बादी है, बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है.
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