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Dhanbad News: इलाज के लिए मरीज पहुंच रहे निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, गंदा पानी पीने को हैं विवश

एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी वार्ड की गंदी टंकी का पानी पीने को मरीज व तिमारदार विवश हैं. अस्पताल में फिल्टर मशीन की व्यवस्था नहीं है. अंतिम बार टंकी की सफाई कब हुई यह जानकारी भी किसी को नहीं है.

Dhanbad News : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के इमरजेंसी में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के लिए पहुंचते है. उनके साथ परिजन भी रहते है. औसतन हर दिन लगभग 200 से ज्यादा मरीज व परिजनों का आना-जाना अस्पताल की इमरजेंसी में होता है. इसके बावजूद यहां साफ पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है.

मरीज गंदा पानी पीने से हो सकते हैं बीमार

पेयजल के नाम पर मरीज व उनके परिजन इमरजेंसी की छत पर खुले में रखी टंकी का गंदा पानी पी रहे हैं. उसी टंकी से पाइप के जरिए एक नल को जोड़ा गया है. इससे ही लोग पानी लेते हैं. इमरजेंसी की छत पर रखी टंकी भी खुली हुई है. राज्य के तीसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में फिल्टर मशीन की भी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में लोगों का कहना है कि यहां पानी पीकर मरीज और बीमार हो जायेंगे.

टंकी में है काफी गंदगी

इमरजेंसी की छत पर रखी टंकी में हर दिन सप्लाई का पानी पहुंचता है. स्टीलगेट जलमीनार से मिलने वाला सप्लाई का पानी टंकी में भरा जाता है. टंकी खुली होने के कारण इसमें गंदगी गिरती रहती है. वर्तमान में टंकी में काफी गंदगी है. टंकी अंतिम बार सफाई कब हुई है. इसकी जानकारी किसी स्वास्थ्यकर्मी को नहीं है. छत पर जाने वाले रास्ते में गेट लगा हुआ है. इस वजह से कोई भी छत पर नहीं जाता. टंकी की दुर्दशा का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है.

गंदा पानी पीने से हो सकती है कौन सी बीमारी ?

हैजा : यह एक जीवाणु संक्रमण है, जो गंदा पानी पीने से होता है. इससे दस्त, उल्टी और पानी की कमी होती है.
डायरिया : गंदे पानी में मौजूद जीवाणु, वायरस और परजीवी डायरिया का कारण बन सकते हैं. इससे पेट में दर्द, दस्त और उल्टी होती है.
टाइफाइड : यह एक जीवाणु संक्रमण है, जो गंदे पानी के सेवन से फैलता है. इससे बुखार, सिरदर्द और पेट में दर्द होता है.
पीलिया : गंदे पानी में मौजूद वायरस पीलिया का कारण बन सकते हैं, इसमें थकान और पेट में दर्द होता है.
कालाजार : यह एक परजीवी संक्रमण है, जो गंदे पानी में मौजूद काटने वाले कीड़ों के माध्यम से फैलता है. इससे बुखार, वजन कम होना और त्वचा का पीलापन होता है.
असमय गर्भपात और जन्म दोष : गर्भवती महिलाओं में गंदे पानी से होने वाले संक्रमण से असमय गर्भपात और जन्म दोष हो सकते हैं.
त्वचा रोग : गंदे पानी में मौजूद जीवाणु और वायरस त्वचा रोगों जैसे एग्जिमा, सोरायसिस और दाद का कारण बन सकते हैं.
आंतों के परजीवी : गंदे पानी में मौजूद परजीवी आंतों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं. इससे पेट में दर्द, दस्त और वजन कम होना होता है.

क्या कहते हैं डॉक्टर ?

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने कहा कि टंकी में गंदे पानी की जानकारी नहीं है. जल्द ही टंकी की सफाई संबंधित जांच करायेंगे. टंकी गंदा होने पर इसकी सफाई करायी जायेगी. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि समय-समय पर टंकी की सफाई हो.

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Kunal Kishore
Kunal Kishore
कुणाल ने IIMC , नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा की डिग्री ली है. फिलहाल, वह प्रभात खबर में झारखंड डेस्क पर कार्यरत हैं, जहां वे बतौर कॉपी राइटर अपने पत्रकारीय कौशल को धार दे रहे हैं. उनकी रुचि विदेश मामलों, अंतरराष्ट्रीय संबंध, खेल और राष्ट्रीय राजनीति में है. कुणाल को घूमने-फिरने के साथ पढ़ना-लिखना काफी पसंद है.

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