Suicide in Hazaribagh Central Jail: हजारीबाग जेपी केंद्रीय कारा में हत्या के मामले में सजायफ्ता कैदी की आत्महत्या के बाद बरवाअड्डा में ट्रिपल मर्डर की याद ताजा हो गयी है. धनबाद के चर्चित घटनाओं में यह एक भयावह घटना थी. 3 अक्टूबर 2017 को भैरवनाथ दसौंधी ने अपने बेटे की बर्थडे पार्टी के बाद अपनी पत्नी और मासूम बेटे-बेटी की निर्मम हत्या कर दी थी. भैरवनाथ ने जूते के फीते से पत्नी अनुपमा का गला घोंटा था और बच्चों का चाकू से गला रेत दिया था.
बर्थडे पार्टी के बाद पत्नी और बच्चों को मार डाला था
तीन अक्टूबर 2017 की रात भैरवनाथ ने अपने दो साल के बेटे जन्मदिन दिन के मौके पर बर्थडे पार्टी आयोजित की. इसके बाद देर रात भैरवनाथ ने पलंग पर सो रही अपनी पत्नी अनुपमा देवी, पुत्र अभय व पुत्री आभा (तीन वर्ष) की निर्मम हत्या जूते के फीते व मोबाइल चार्जर के तार से गला घोंटकर कर दी. इसके बाद वह फरार हो गया. घटना के समय उसने डीजे की आवाज तेज कर दी थी. किसी के चीखने व चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं जा सके.
जांच में प्रेम प्रसंग का मामला आया सामने
घटना की छानबीन के दौरान भैरवनाथ का एक महिला से प्रेम, प्रसंग का मामला सामने आया. अनुपमा देवी के पिता राजेंद्र राय ने दामाद भैरवनाथ दसौंधी, उसके पिता राजेंद्र दसौंधी व मां गायत्री देवी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था. फरार भैरवनाथ को पुलिस ने बोकारो से गिरफ्तार किया था. भैरवनाथ को 24 मई 2019 को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. 26 मई 2019 को उसे धनबाद मंडल कारा से हजारीबाग जेपी केंद्रीय कारा स्थानांतरित किया गया था.
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हजारीबाग जेल में भैरवनाथ से मिले थे उसके माता-पिता
अनुपमा के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, भैरवनाथ के माता व पिता उससे मिलने हजारीबाग जेल पहुंचे थे. बातचीत करने के बाद उसने अपनी बहन से बात करने की इच्छा जाहिर की. फिर वीडियो कॉल से बहन से बात की. उसने कहा कि मेरे बच्चे मुझे बुला रहे हैं. इसके बाद माता-पिता चले गये. फिर उसने जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. भैरवनाथ दसौंधी मूल रूप से बोकारो जिले के पुंडरु-चंदनकियारी का रहने वाला था. वह बड़ाजमुआ-बरवाअड्डा में भाड़े के एक मकान में अपने परिवार के साथ रहता था. बरवाअड्डा के एक ट्रांसपोर्ट में काम करता था और वहीं चाय भी बेचता था.
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अनुपमा के पिता ने कहा- भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं
भैरवनाथ दसौंधी के जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की जानकारी मिलने पर अनुपमा देवी के पिता राजेंद्र राय ने प्रभात खबर के प्रतिनिधि को सुबह फोन कर कहा कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं. आज मेरे साथ भगवान ने न्याय किया. मैं घटना को याद करके आज भी सहम जाता हूं. आठ वर्ष बीतने के बाद भी घटना आज भी जेहन में है. मेरी पत्नी अपनी बेटी अनुपमा व उसके मासूम बच्चों की हत्या के बाद से सदमे में हैं. घटना के बाद आजतक आंखें भरी हुई है. पत्नी हर दिन भगवान से न्याय की गुहार लगा रही थी.
- बरवाअड्डा के भैरवनाथ ने पलंग पर सो रही पत्नी व बच्चों की कर दी थी निर्मम हत्या
- तीन अक्तूबर 2017 को बेटे के बर्थडे पार्टी के बाद दिया था घटना को अंजाम
- जूते के फीते से पत्नी का गला घोंटकर और चाकू से बच्चों का गला रेतकर की थी हत्या
अनुपमा के पिता ने लगायी थी फांसी की सजा देने की गुहार
उन्होंने कहा, ‘हमलोगों ने न्यायालय से भैरवनाथ दसौंधी को फांसी की सजा देने की गुहार लगायी थी. भगवान ने मेरे और मेरी पत्नी की बात सुन ली. भैरवनाथ के फांसी पर लटकने पर पूरे परिवार को शांति मिली. उसने अपने फलते-फूलते परिवार व मासूम बच्चे की निर्मम हत्या कर दी थी. उसे फांसी से कम सजा हमें मंजूर नहीं थी. भगवान ने हमारी बात सुन ली.’
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