23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दुमका : बासुकीनाथ के शिवगंगा से निकले पाताल महादेव, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ने लगी भीड़

दुमका के बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा में सफाई के बाद श्रद्धालुाओं को पाताल महादेव के दर्शन हुए. इसके बाद पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुाओं की भीड़ उमड़ने लगी. बताया गया कि शिवगंगा की सतह से लगभग 15 फीट नीचे कुंड में सफाई के बाद स्वयंभू पाताल शिव की पूजा शुरू हुई.

Jharkhand News: बाबा फौजदारीनाथ की नगरी बासुकीनाथ में शिवगंगा की सफाई के दौरान वर्षों बाद निकले पाताल महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है. वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद भक्तों को पाताल महादेव के दर्शन होने से श्रद्धालु खासे उत्साहित हैं. शिवगंगा की सफाई कार्य के लिए पिछले कुछ दिनों से झारखंड सरकार के विशेष प्रमंडल द्वारा शिवगंगा को सुखाकर सफाई किया जा रहा है. इस क्रम में मंगलवार को कुंड की सफाई की गयी. कठोर परिश्रम के बाद जब कुंड के कीचड़ की सफाई हुई, तो भक्तों को पाताल बाबा के दर्शन हुए.

15 फीट नीचे कुंड की सफाई में निकले पाताल महादेव

शिवगंगा की सतह से लगभग 15 फीट नीचे कुंड में सफाई के उपरांत स्वयंभू पाताल शिव की पूजा शुरू हुई. पाताल महादेव के पुजारी द्वारा स्वयंभू शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा की गयी. पूजा-अर्चना और आरती के क्रम में घड़ी-घंटा, डमरू आदि मांगलिक वाद्य यंत्रों को बजाकर भक्तों ने पवित्र ध्वनियों का नाद किया. इस क्रम में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के जयकारे भी लगाए. पुजारी ने कहा कि पाताल महादेव की विधिवत पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूर्ण होती है.

शिवगंगा का यह कुंड अति प्राचीन है

बासुकीनाथ शिवगंगा की तलहटी में जो कुंड स्थित है, यह काफी प्राचीन है. इस कुंड में स्वयंभू पाताल महादेव का शिवलिंग अवस्थित है. जनश्रुति है कि आज से लगभग 300 वर्ष पूर्व जब शिवगंगा सरोवर का यहां अस्तित्व नहीं था, यहां स्थित कुंड में स्वयंभू शिवलिंग भी था, जिसे लोग पताल बाबा के नाम से जानते हैं. शिवगंगा की सफाई के दौरान पाताल महादेव का वर्षों बाद भक्तों को दर्शन हुए. शिवगंगा में पानी भरने के पूर्व जो पूजा होती है, उसमें बिल्वपत्र, पुष्प, अबीर गुलाल बाबा पर अर्पित किया जाता है. उसके बाद शिवगंगा को पानी से भर दिया जाता है. वर्षों बाद शिवगंगा की सफाई होती है. पानी निकाल कर कीचड़ को जब हटाया जाता है, तो वर्षों बाद भी पूजन सामग्री यथावत रहती है, वह ना ही सड़ता गलता है और ना ही नष्ट होता है. एक नजर में ऐसा लगता है मानो आज ही बाबा की श्रृंगार पूजा हुई हो.

Also Read: राष्ट्रपति के झारखंड आगमन को लेकर जोरों पर तैयारी, बाबा मंदिर में चयनित पुजारी कराएंगे संकल्प पूजा

वर्षों पुराने त्रिशूल व चरण पादुका की भी हो रही है पूजा

शिवगंगा कुंड में स्थित शिवलिंग के पास बाबा की चरण पादुका रखी रहती है, जो वर्षों पुरानी है. शिवगंगा कुंड की सफाई के साथ यह बाहर निकलता है. चरण पादुका लकड़ी का बना है. चरण पादुका लकड़ी का होने के कारण पानी के साथ उपला कर ऊपर आ जाना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है. भक्तों को इस वर्ष करीब सात वर्षों के बाद पाताल महादेव के दर्शन हुए हैं. पाताल बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है. शिवगंगा की समुचित सफाई का कार्य संपन्न होने के बाद शिवगंगा में पुनः जल भरने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इसके साथ ही पाताल महादेव जल के अंदर समाधिस्थ हो जायेंगे. स्थानीय लोगों का मानना है कि नसीब वालों को ही पाताल महादेव के दर्शन हो पाता है.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel