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Impact: गुमला के प्राचीन वासुदेव कोना मंदिर की बढ़ेगी सुंदरता, भक्तों को मिलेगी सुविधा

प्रभात खबर में प्रकाशित खबर का असर हुआ है. गुमला के प्राचीन वासुदेव कोना मंदिर का विकास होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन ने इंजीनियर्स को कई दिशा-निर्देश दिये. इसके तहत जहां इस मंदिर की सुंदरता बढ़ेगी, वहीं यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी कई सुविधा उपलब्ध होगी.

गुमला, दुर्जय पासवान : प्रभात खबर की पहल रंग लायी. गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के प्राचीन व प्रसिद्ध वासुदेव कोना मंदिर की सुंदरता बढ़ेगी. श्रद्धालुओं के लिए यहां सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. जिससे सावन माह व महाशिवरात्रि सहित अन्य अवसरों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. वासुदेव कोना मंदिर के समीप भव्य तोरण द्वार का निर्माण होगा. मंदिर के समीप पेबर्स ब्लॉक बिछाया जायेगा. जिससे बरसात व गर्मी के दिनों में आसानी से भक्त चल सके. साथ ही पेबर्स ब्लॉक बिछाने से मंदिर के समीप की सुंदरता बढ़ेगी.

ये काम होगा

20 सोलर लाइट से जगमग होगा इलाका

मंदिर के समीप अलग-अलग स्थानों पर 20 सोलर लाइट की स्थापना किया जायेगा, ताकि रात को भी यहां दिन जैसे उजाला रहेगा. भक्तों की सुविधा के लिए यहां बिजली की पूरी व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा एक हाईमास्ट लाइट भी लगाया जायेगा, ताकि दुधिया रोशनी से पूरा मंदिर जगमग रहे. मंदिर के समीप व आसपास श्रद्धालुओं के बैठने व आराम करने के लिए सीमेंट की कुर्सी बनायी जायेगी. मंदिर के समीप शौचालय की व्यवस्था नहीं है. प्रशासन ने महिला व पुरुष के लिए दो-दो शौचालय बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है. वासुदेव कोना मंदिर की सुंदरता बढ़ाने के लिए बहुत जल्द विकास के काम शुरू होगा. प्रशासन इसके लिए प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है.

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प्रभात खबर पढ़कर मैंने मंदिर का निरीक्षण किया : डीडीसी

डीडीसी हेमंत कुमार सती ने कहा कि 17 जुलाई, 2023 को जैसे ही प्रभात खबर में वासुदेव कोना मंदिर की खबर छपी. मैं जूनियर इंजीनियर पवन मिंज के साथ वासुदेव कोना पहुंच गया. मंदिर पहुंचने के बाद मंदिर की बनावट देखने व लोगों से जानकारी लेने के बाद पता चला कि यह मंदिर काफी प्राचीन है. लेकिन, वहां श्रद्धालुओं के लिए सुविधा व व्यवस्था की कमी है. इसलिए मंदिर के विकास के लिए इंजीनियर को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया है. बहुत जल्द मंदिर का विकास होगा. शुरुआती क्षणों में तोरण द्वार, सोलर लाइट, हाईमास्ट लाइट, शौचालय पेबर्स ब्लॉक व सीमेंट की कुर्सी बनाने की योजना है. प्रशासन का प्रयास है. धार्मिक, पर्यटक स्थलों का विकास हो. ताकि दूसरे जिले व राज्य के पर्यटक हमारे गुमला आये. जिससे रोजगार के अवसर धार्मिक व पर्यटकों स्थलों से खुले.

वासुदेव कोना मंदिर को जाने

गुमला से 18 किमी दूर रायडीह प्रखंड में वासुदेव कोना मंदिर है. यहां प्राचीन शिव मंदिर है. मंदिर व शिवलिंग की स्थापना कब हुई. इसका कोई प्रमाण नहीं है. लेकिन, मंदिर के पुजारी के अनुसार वासुदेव कोना मंदिर की स्थापना छठवीं व सातवीं शताब्दी के आसपास या उससे पहले हुई होगी. मंदिर की जो बनावट है. इसे स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने बनाया है. मंदिर में किसी प्रकार के सीमेंट, चूना, मिटटी या बालू का उपयोग नहीं हुआ है. पत्थर से मंदिर का निर्माण किया गया है. हजारों साल पुराना मंदिर होने के कारण यहां से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. स्थानीय लोग कहते हैं. दिल से मांगी मुराद जरूर पूरी होती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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