जयनगर. प्रखंड के बराकर नदी स्थित विभिन्न बालू घाटों पर एनजीटी की रोक के बावजूद बालू का उत्खनन व ढुलाई जारी है. अहले सुबह से ही बालू घाटों से सैकड़ों ट्रैक्टरों से अवैध बालू का उठाव और ढुलाई शुरू हो जाता है, जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए 10 जून से नदियों से बालू उठाव पर प्रतिबंध लगा दिया है. बालू के उठाव के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो रही है. आलम यह है कि कई घाटों पर जेसीबी से बालू का उत्खनन कर हाइवा से ढुलाई की जा रही है. इससे नदियों पर असर पर रहा है. वहीं नदी के किनारे की खेतीबारी पर भी असर पड़ रहा है. प्रखंड के तमाय, करियांवा, कुशाहन, सतडीहा, योगिया टिल्हा, तिलोकरी, बदुलिया, परसाबाद, दुमदुमा, बडानो घाट, अक्तो नदी, केशो नदी घाट से बालू का उठाव जारी है. तमाय से सोनपुरा, कांटी, फोरलेन चौक, चरकी पहरी होते हुए तिलैया बाजार तथा कुशाहन घाट से वीरेंद्र नगर, गम्हरबाद, रेभनाडीह होते हुए तिलैया बाजार लाकर महंगे दर पर बालू की बिक्री हो रही है. इन रास्तों के किनारे बसे ग्रामीणों का कहना है कि सुबह तीन बजे के बाद ट्रैक्टर की आवाज के कारण उनका सोना दूभर हो गया है. नींद पूरी नहीं हो पाती है. वहीं इन ट्रैक्टरों की आवाजाही के कारण कई बार दुर्घटनाएं भी होती रहती है.
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