जयनगर. प्रखंड के थाना मुहल्ला गौसिया मस्जिद के परिसर में अल हुसैनी फाउंडेशन के बैनर तले पैगाम-ए-कर्बला कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. मौके पर इल्म, अखलाक और इस्लामी तालीमात को आम करने का संदेश दिया गया. मुख्य वक्ता मौलाना मुफ्ती शमसुद्दीन मकराना ने कर्बला की कुर्बानी को इंसानियत के लिए बेमिसाल पैग़ाम बताया. कहा कि इमाम हुसैन ने ज़ुल्म के सामने झुकने के बजाये शहादत को गले लगाना पसंद किया. मुफ्ती साहब ने तालीम (शिक्षा) की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि आज के दौर में मुसलमानों को दुनियावी और दीन दोनों तरह की तालीम को अपनाने की जरूरत है. इल्म रोशनी है. तालीम से ही हम अपने बच्चों और समाज का भविष्य बना सकते हैं. उन्होंने नौजवानों को अखलाक सुधारने, बड़ों का अदब करने और अपने किरदार को इस्लामी उसूलों के मुताबिक ढालने की सलाह दी. मौलाना मकराना ने कहा कि आज के दौर में मुसलमानों को सिर्फ मजहबी रस्मों तक महदूद नहीं रहना चाहिये, बल्कि किरदार और अख़लाक़ से भी इस्लाम की तालीम को पेश करना चाहिये. कर्बला हमें यह भी सिखाता है कि जब हालात मुश्किल हो, तब भी सब्र, हिम्मत और सच्चाई को थामे रहना चाहिये. जलसे की अध्यक्षता कौसरुल कादरी ने की, संचालन सब्बीर रजा औरंगाबादी ने किया. मौके पर शायर नदीम रजा फैजी आदि मौजूद थे.
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