24.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कागजों पर ही चल रहा झारखंड का यह संस्कृत विद्यालय, अनुदान राशि का बंदरबाट, बच्चे कभी नहीं आते स्कूल

Jharkhand News: पलामू का संकेटश्वर संस्कृत उच्च विद्यालय केवल कागजों में ही संचालित है. यहां कभी कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं आता. फिर भी सरकारी राशि की बंदरबाट हो रही है

पलामू, चंद्रेशेखर सिंह: झारखंड के पलामू में संचालित एक संस्कृत विद्यालय सरकार द्वारा मिल रही अनुदान राशि का खुलकर बंदरबाट कर रहा है. दिलचस्प बात ये है कि यह स्कूल केवल कागजों पर ही संचालित है. न तो यहां कभी विद्यार्थी दिखाई पड़ते हैं और न ही कभी यह स्कूल खुलता है. इसके बावजूद विद्यालय को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का अनुदान मिल रहा है और उसकी निकासी कर शिक्षकों के नाम पर राशि बांटी जा रही है. मामला पांकी प्रखंड स्थित बैदा गांव का संकेटश्वर संस्कृत उच्च विद्यालय का है. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023-24 में विद्यालय को 8,44,800 रुपये और 2024- 25 में 9,60,000 रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गयी है.

रजिस्टर में दर्ज है 222 छात्रों के नाम

हैरानी की बात यह है कि विद्यालय के रजिस्टर में दर्ज 222 छात्रों में से एक भी छात्र स्थानीय नहीं हैं. गुमला, लोहरदगा, चतरा, रांची और बिहार के अलग अलग जिलों के छात्रों का नाम दर्ज है, लेकिन गांव से कोई भी छात्र नामांकित नहीं है. स्थानीय मुखिया जितेंद्र पांडेय ने स्पष्ट कहा कि यह विद्यालय वर्षों से बंद है और केवल पैसों की बंदरबांट के लिए इसका नाम चलाया जा रहा है. उन्होंने इसे पूरी तरह से फर्जी विद्यालय बताया.

Also Read: गृह मंत्री अमित शाह के रांची दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त, SSP ने अधिकारियों को दिये ये निर्देश

सुरेश प्रसाद सिन्हा के संरक्षण में चल रहा फर्जीवाड़ा

पलामू में संचालित इस संस्कृत विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों में बिहार के औरंगाबाद के विकास कुमार, चतरा के दिलीप सिंह, चैनपुर के गौतम कुमार और निधि कुमारी शामिल है. निधि स्थानीय दिलीप सिन्हा की पुत्री हैं, जिसकी शादी बिहार में हुई है. इन सभी को अनुदान की राशि नियमित रूप से दी जा रही है. विद्यालय की सचिवीय जिम्मेदारी पिछले 10 वर्षों से सुरेश प्रसाद सिन्हा संभाल रहे हैं. आरोप है कि इन्हीं के संरक्षण में फर्जीवाड़ा चल रहा है.

फर्जी हस्ताक्षर के जरिये नयी कमेटी गठित हुई

विद्यालय के पूर्वप्रधानाध्यापक सत्यनारायण सिंह ने बताया कि उन्होंने 2020 में सेवानिवृत्ति ली थी, लेकिन किसी ने उनसे औपचारिक रूप से प्रभार नहीं लिया. इसके बाद फर्जी हस्ताक्षर कर नयी कमेटी गठित की गयी और बैंक में दस्तावेज जमा कर राशि की निकासी की गयी. उन्होंने इस संबंध में डीसी, डीइओ, बीडीओ और बीइइओ को लिखित शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Also Read: रांची के इस अस्पताल में जल्द शुरू होगी बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा, इन मरीजों को होगा लाभ

Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel