22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड : पलामू के मलय डैम का जलस्तर घटा, 90 प्रतिशत पानी सूखने से 105 गांव के किसान परेशान

पलामू जिला अंतर्गत सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के 27, मेदिनीनगर सदर प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के 42 तथा लेस्लीगंज प्रखंड क्षेत्र के 36 गांव के किसानों को पटवन के लिए मलय डैम से पानी मिलता है, लेकिन इनदिनों डैम का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है.

सतबरवा (पलामू), रमेश रंजन : पलामू जिला अंतर्गत सतबरवा प्रखंड क्षेत्र की लाइफ लाइन मलय नदी, कोइली नदी के अलावा तालाब, आहर, पोखर, चेकडैम पूरी तरह से सूख चुके हैं. जिसके कारण इलाके का जलस्तर नीचे चला गया है. कई गांवों में चापाकल डेड हो चुके हैं. वहीं, सतबरवा के मुरमा गांव स्थित मलय डैम 90 प्रतिशत सूख चुका है. जिसके कारण तीन प्रखंड क्षेत्र के 105 गांव के लाभुक किसान चिंतित हैं. पिछले साल भी पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.

पटवन को लेकर परेशान हैं किसान

मलय डैम का जलस्तर गिरने से आसपास के गांव भी प्रभावित हुए हैं. चापाकल एवं कुएं सूख गये हैं. इस साल भी अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. जिसके कारण स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के 27 गांव, मेदिनीनगर सदर प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के 42 गांव तथा लेस्लीगंज प्रखंड क्षेत्र के 36 गांव के किसानों को पक्की नहर के माध्यम से पटवन के लिए मलय डैम से पानी मिलता है. 2022 में डैम में पर्याप्त पानी था जिस वजह से सूखे की स्थिति होने के बावजूद भी लाभुक क्षेत्र के किसानों को खरीफ फसल के दौरान पटवन के पानी को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था. लेकिन, इस वर्ष डैम का पानी फाटक लेबल से भी नीचे चले जाने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

क्या कहते हैं किसान

हलुमांड गांव के किसान योगेंद्र भुइयां ने बताया कि वर्ष 2022 में वर्षा नहीं होने के कारण सूखा की स्थिति झेलनी पड़ी थी, लेकिन डैम में पानी था. जिसके कारण क्षेत्र के किसानों को खेतों के पटवन के लिए पानी की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा था. मगर इस वर्ष डैम की स्थिति ठीक नहीं है. ठेमा गांव के संजय यादव ने बताया कि मलय डैम की स्थिति बीते वर्ष से इस वर्ष बेहद खराब है. आषाढ़ माह के अंदर नक्षत्र भी खत्म होने वाला है. मगर डैम का पानी फाटक से भी काफी दूर है. इस स्थिति में चिंता स्वाभाविक है. पटवन के अभाव में खरीफ की फसल कैसे होगी, यह किसानों के लिए गंभीर समस्या है.

Also Read: Explainer: झारखंड में ट्रिपल टेस्ट को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, जानें नगर निकाय चुनाव में क्यों हो रही देरी

सुकरी नदी से मलय डैम को जोड़ने का काम नहीं हुआ पूरा

मलय डैम के ऊपरी हिस्से में मनिका प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाली सुकरी नदी को मलय डैम से जोड़ने की मांग कई वर्षों से किसान करते आ रहे हैं. लेकिन अभी तक इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभागीय पहल नहीं हो सकी है. जिसके कारण किसानों में मायूसी है. पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी व वर्तमान विधायक आलोक कुमार चौरसिया मलय डैम से सुकरी नदी को जोड़ने की मांग उठा चुके हैं. श्री त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल के दौरान सिंचाई विभाग की टीम से सर्वे भी करवाया था ताकि डैम के ऊपरी हिस्से में नदियों का पानी लाकर अधिकाधिक किसानों के खेतों तक पटवन के लिए पानी पहुंचाया जा सके. लेकिन सिंचाई विभाग इस पर कोई अमल नहीं कर पाया. जिसके कारण यह योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel