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10 लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक AK-47 के साथ किया सरेंडर, झारखंड पुलिस समेत NIA को थी तलाश

jharkhand news: शुक्रवार को 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक उर्फ राज प्रमाणिक ने झारखंड पुलिस के सामने सरेंडर किया. इस दौरान अपने साथ लाये AK-47 भी पुलिस को दिया. झारखंड पुलिस और NIA को काफी समय से इसकी तलाश थी.

Jharkhand news: 10 लाख रुपये का इनामी भाकपा माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक उर्फ राज प्रमाणिक शुक्रवार को झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. इनामी नक्सली महाराज दो दर्जन से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुका है. महाराज प्रमाणिक के सरेंडर करने को लेकर पुलिस बड़ी उपलब्धि मान रही है. NIA को भी इसकी काफी समय से तलाश थी.

AK-47 के साथ इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

शुक्रवार को आईजी अभियान एवी होमकर, आईजी रांची पंकज कंबोज और डीआईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे के 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रामाणिक ने आधिकारिक रूप से सरेंडर किया. सरेंडर करने के दौरान उसने अपने साथ लाये AK-47 भी पुलिस को दिया. पुलिस भी नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की अपील को इस कड़ी के रूप में देख रही है.

अब नक्सली संगठनों का उद्देश्य सिर्फ लेवी वसूलना है

सरेंडर करने के बाद 10 लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक ने कहा कि अब नक्सली संगठन सिद्धांतविहिन हो गये हैं. अब एकमात्र उद्देश्य लेवी वसूलना है. ट्राइ जंक्शन एरिया (तमाड़, खूंटी, सरायकेला व चाईबासा क्षेत्र) को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इन इलाकों में माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक 2010 से सक्रिय रहा. सरेंडर के बाद शुक्रवार को महाराज प्रमाणिक ने कहा कि ट्राइ जंक्शन एरिया से हर साल करीब पांच करोड़ की वसूली होती है. सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियों व ठेकेदारों से लेवी की वसूली संगठन की ओर से की जाती है. व्यवसायी, खनन क्षेत्र व मोबाइल टावर लगानेवालों से भी लेवी की वसूली होती है. लेवी के बाद जोनल कमांडर अपना खर्च काट रीजनल कमांडर पैसा भेजता है. रीजनल कमांडर खर्च काट पैसा सैक सदस्य को देता है. सैक से खर्च रखने के बाद बाकी की राशि केंद्रीय केंद्रीय कमेटी तक पहुंचती है. वर्तमान में ट्राइ जंक्शन एरिया में 35 से 40 नक्सली बचे हैं.

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संगठन में भी बाहरी-भीतरी का होता है पक्षपात

एक सवाल के जवाब में प्रमाणिक ने कहा कि संगठन में बाहरी-भीतरी वाली बात हो गयी है. गिरिडीह के पीरटांड़ के बड़े नक्सली स्थानीय का शोषण करते हैं. महिला कैडर सुरक्षित नहीं. प्रमाणिक के सरेंडर के दौरान अाइजी अभियान एवी होमकर, आइजी सीआरपीएफ राजीव सिंह, रांची प्रक्षेत्र के आइजी पंकज कंबोज, डीआइजी एसआइबी अनूप बिरथरे, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा व सरायकेला एसपी आंनद प्रकाश व एसएसबी के अफसर मौजूद थे.

2015 से संगठन में मोबाइल के प्रयोग पर पाबंदी

नक्सली प्रमाणिक ने कहा कि 2015 से ही संगठन में मोबाइल के उपयाेग पर पाबंदी है. संगठन के सदस्यों को हर साल एक माह की बौद्धिक ट्रेनिंग दी जाती है. मणिपुर, आंध्र, तेलंगाना आदि से लाेग ट्रेनिंग देने आते हैं. शहरी क्षेत्र में भी नक्सलियों के सपोर्टर हैं, जो सरकार की योजनाओं से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराते हैं. जोनल कमांडर या इससे ऊपर रैंक के नक्सली वारदात को अंजाम देने नहीं जाते हैं. उनका काम प्लान तैयार कर एरिया कमांडर के नेतृत्व में दस्ता के सदस्यों को भेजना होता है.

इन बड़ी घटनाओं में रहा है शामिल

महाराज प्रमाणिक 2010 से अब तक भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य अनल उर्फ रमेश दा उर्फ रमेश मांझी की टीम के साथ सक्रिय रहा है. पुलिस के अनुसार इस टीम ने 22 मार्च 2010 को चौका थाना के नरसिंह इस्पात कंपनी में हमला कर सुरक्षाकर्मियों व मजदूरों को पीटा था और गाड़ी, कंप्यूटर व मशीनों में आग लगा दी थी. मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की मौत हुई थी. जून 2018 में कुचाई स्थित कसरोली क्षेत्र में मुठभेड़ में दो जवान की मौत हुई थी. 19 मई 2019 को खरसावां के सुरू डैम की सुरक्षा के लिए जा रही पुलिस पार्टी पर आइइडी ब्लास्ट कर हमला किया था. इसमें दो जवान घायल हुए थे. एक नक्सली प्रदीप स्वांसी मारा गया था. 28 मई 2019 को कुचाई के रायसिंदरी पहाड़ पर पुलिस पार्टी पर आइइडी ब्लास्ट कर हमला हुआ था. इसमें कोबरा बटालियन व झारखंड जगुआर के 15 अफसर व जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे. 04 मार्च 2021 को चाईबासा के टोकलो थाना अंतर्गत लाजी पहाड़ से पुलिस पार्टी के अदला- बदली के क्रम में पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला किया गया था. इसमें एसटीएफ के तीन जवान शहीद हो गये थे.

मां व खुद की जान बचाने के लिए संगठन में हुआ था शामिल

जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक 2007-08 में चांडिल कॉलेज में बीएससी में पढ़ाई कर रहा था. इसी दौरान चबूतरा निर्माण को लेकर गांव के कुछ लोगों की ओर से इसे और मां को मारने के लिए सुपारी दी गयी थी. अपराधियों ने घर पर धावा भी बोला था, लेकिन मां घर पर नहीं होने के कारण बच गयी थी. तब इसने एरिया कमांडर रामविलास लोहरा से मदद मांगी थी. इसके बाद वह सब-जोन कमांडर डेविड महतो के साथ भाकपा माओवादी में वर्ष 2008-09 में शामिल हो गया था.

पांच पुलिसकर्मियों व सीआरपीएफ कमांडेंट की हत्या में शामिल था प्रमाणिक

10 लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक चौका थाना क्षेत्र के खूंटी में पुलिसकर्मी कालीचरण बोदरा व चौका के महादेव बेड़ा में सीआरपीएफ कमांडेंट चंद्रशेखर रेड्डी की हत्या में शामिल था. प्रमाणिक 2008 में जेल गया था. जेल से बाहर आने बाद नक्सली संगठन का हिस्सा बन गया. सरायकेला के कुकड़ू हाट में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या में भी वह शामिल था. यह पुलिस का आरोप है.

संगठन ने जन अदालत लगा सजा देने का सुनाया था फरमान

माओवादी संगठन ने 15 अगस्त, 2021 महाराज प्रमाणिक को गद्दार घोषित कर दिया था. उसे जन अदालत में सजा देने का फरमान जारी हुआ था. संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पहले तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर गया था. इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आया. संगठन को इसकी जानकारी मिली थी. 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया. वह संगठन के 40 लाख रुपये, एक एके-47, 150 से अधिक गोलियां और पिस्टल लेकर भागा था.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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