रांची. एपीडा के सौजन्य से फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की अहारी उप समिति ने कृषि निर्यात पर कार्यशाला का आयोजन किया. इस मौके पर उद्योग निदेशक सुशांत गौरव ने झारखंड एक्सपोर्ट पॉलिसी 2023 के प्रावधानों और मिलनेवाले अनुदान की जानकारी दी. इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता के साथ ही उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग आवश्यकताओं को पूरा करने पर जोर दिया गया. क्षमता निर्माण और अनुसंधान के माध्यम से सहायता सुनिश्चित करने की भी तैयारी की गयी है. यह भी बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के तहत झारखंड के 24 जिलों में 15 ओडीओपी उत्पादों की पहचान की गयी है.
हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया
कृषि निदेशक डॉ ताराचंद ने विभाग द्वारा दी जानेवाली सुविधाओं से अवगत कराते हुए निर्यात के संभावित क्षेत्रों में विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया. इसीजीसी के उप महाप्रबंधक नीरज गुप्ता ने बताया कि कृषि निर्यात व्यापार के रिस्क को उनकी कंपनी की ओर से कैसे सुरक्षित किया जायेगा. बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि कलस्टर दृष्टिकोण सबसे उपयुक्त तरीका है. बीएयू और कृषि विभाग के सहयोग से राज्य में कृषि क्षेत्र में विस्तार और निर्यात की संभावनाओं को गति देने की हर संभव पहल सुनिश्चित की जायेगी.
एयरपोर्ट का विस्तार नहीं हो रहा
एयरपोर्ट डायरेक्टर आरआर मौर्या ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से कार्गो सुविधा की जानकारी देते हुए बताया कि पर्याप्त भूखंड की अनुपलब्धता के कारण एयरपोर्ट का विस्तार नहीं हो रहा है. वहीं डीजीएफटी के विष्णुकांत, एचडीएफसी बैंक के मयंक दोसी, केनरा बैंक के अशोक सिन्हा और जेआरजी बैंक के रीजनल मैनेजर मुकेश वर्मा ने भी विचार रखे. अतिथियों का स्वागत चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने किया. वहीं विषय प्रवेश आहरी उपसमिति के चेयरमैन आनंद कोठारी ने किया.
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