मनोज सिंह, रांची. झारखंड में 319 पशु चिकित्सकों ने अपने निबंधन का नवीनीकरण (रिन्युअल) नहीं कराया है. झारखंड पशु चिकित्सा परिषद ने सभी चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है. अब इन्हें फाइन के साथ निबंधन कराना होगा. बिना निबंधन रिनुअल के पशु चिकित्सकों का प्रैक्टिस अवैध माना जायेगा. 319 पशु चिकित्सकों में अधिसंख्य झारखंड सरकार के पशुपालन विभाग में कार्यरत हैं. इसमें कई वरीय पदों पर पदस्थापित हैं. कई जिला, तो कुछ प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं.
बिना नवीनीकरण प्रैक्टिस अवैध
झारखंड पशु चिकित्सा परिषद द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि राज्य में सरकारी-गैर सरकारी अथवा निजी रूप से पशु चिकित्सकों को भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम-1984 की धारा 46 एवं 48 के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है. वैसे पशु चिकित्सक, जिन्होंने अपना निबंधन नवीनीकरण नहीं कराया है, उन्हें निबंधन कराना जरूरी है. बिना वैध निबंधन के पशु चिकित्सा कार्य करते हुए पाये जाने पर भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम-1984 के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए पशु चिकित्सक स्वयं जिम्मेदार होंगे.एक हजार जुर्माना या छह माह के कारावास का प्रावधान
वैसे पशु चिकित्सक जिनका निबंधन समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, उनके लिए परिषद के अधिनियम में दंड का प्रावधान किया गया है. बिना निबंधन नवीनीकरण के प्रैक्टिस करते पाये जाने पर एक हजार रुपये जुर्माना या छह माह के कारावास का प्रावधान है.
कई रिटायर और पशु चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षक भी
319 पशु चिकित्सकों की सूची में कई ऐसे लोग भी हैं, जो रिटायर हो चुके हैं. कई पशु चिकित्सक झारखंड सरकार की सेवा में थे. वह रिटायर हो गये हैं. इसमें डॉ तरण सिंह, डॉ अनंत कुमार सिन्हा जैसे पशु चिकित्सक का नाम भी शामिल है. कई पशु चिकित्सक फिलहाल रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत हैं. उनका निबंधन नवीनीकरण नहीं हो पाया है.क्या कहते हैं निबंधक
हर पांच साल में सभी पशु चिकित्सकों को परिषद में निबंधन कराना अनिवार्य है. जिन चिकित्सकों ने अपने निबंधन का नवीनीकरण नहीं कराया है, उनका प्रैक्टिस वैध नहीं होगा. ऐसा परिषद के अधिनियम में प्रावधान है. परिषद ने निबंधन का नवीनीकरण नहीं कराने वाले पशु चिकित्सकों की सूची जारी कर दी है. उनसे आग्रह है कि आकर निबंधन करा लें.डॉ ब्रजेश कुमार, निबंधक, झारखंड पशु चिकित्सा परिषदB
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