डकरा. श्रम संशोधन कानून के विरोध में विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत राष्ट्रव्यापी टोकन हड़ताल का एनके एरिया में व्यापक असर देखा गया. हड़ताल समर्थक श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भारी बरसात में भी घूम-घूम कर हड़ताल का जायजा लेते रहे और मजदूरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की, जिसका असर यह हुआ कि जिन कामगारों ने हाजिरी बनायी, उन्होंने भी काम नहीं किया. संयुक्त मोर्चा के नेता सभी परियोजनाओं में घूम-घूम कर सरकार के विरोध में नारेबाजी की. मोर्चा के नेताओं ने बताया कि प्रथम पाली में केडीएच में 407 में 136, चूरी में 208 में 40, डकरा में 280 में 64, पुरनाडीह में 375 में 112 और रोहिणी में 225 में 49 कामगारों ने हाजिरी बनायी, लेकिन काम नहीं हुआ. प्रबंधन से हड़ताल को लेकर कोई डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल का असर तो हुआ है, लेकिन सभी जगहों पर काम हुआ है. दूसरी और तीसरी पाली में भी बड़ी संख्या में मजदूरों ने हड़ताल को अपना समर्थन दिया है. बैंक कर्मी भी हड़ताल पर रहे, जिसके कारण बैंक बंद रहा.
मोर्चा के नेताओं ने आभार जताया
हड़ताल समर्थित श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बताया है. नेताओं ने कहा कि भारत सरकार का एक विंग की तरह काम कर रही मजदूर संगठन बीएमएस के विरोध के बावजूद जिस प्रकार मजदूरों ने हड़ताल को समर्थन दिया है, वह सरकार के लिए एक संदेश है कि श्रम संशोधन कानून को मजदूर वर्ग मानने के लिए तैयार नहीं हैं. रैयत विस्थापित मोर्चा ने भी आंदोलन को समर्थन दिया. मोर्चा के गोल्टेन प्रसाद यादव, प्रेम कुमार, ललन प्रसाद सिंह, शैलेश कुमार, डीपी सिंह, हरेंद्र कुमार सिंह, इरफान खान, बिनय सिंह मानकी, रंथु उरांव, रामलखन गंझू ने बताया कि यह तो एक टोकन स्ट्राइक थी, आगे इससे बड़ा आंदोलन खड़ा किया जायेगा.कन्वेंशन से मजदूर सहमत हुए
सात जुलाई को डकरा में आयोजित मजदूर कन्वेंशन में केन्द्रीय नेताओं ने अपने संबोधन से मजदूरों को पक्ष में करने में सफल रहे. एनके एरिया के संयुक्त मोर्चा नेताओं की सक्रियता से मजदूर कंविंस हुए और हड़ताल को समर्थन दिया. बीएमएस भले ही हड़ताल में शामिल नहीं थी, लेकिन उनसे जुड़े प्रतिनिधि तटस्थ रहे, जिसे समर्थन के रूप में भी प्रचार किया गया.
फोटो 09 डकरा 01 हड़ताल के समर्थन में नारेबाजी करते हुए संयुक्त मोर्चा के लोग
बैंक कर्मी भी हड़ताल पर रहे, जिसके कारण बैंक बंद रहा
संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने परियोजनाओं में घूम-घूम कर नारेबाजी कीB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है