रांची (प्रमुख संवाददाता). राज्य में पड़ रही गरमी को देखते हुए योजना एवं विकास विभाग ने खराब चापानलों की मरम्मत के लिए 259 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. विभाग को मिली सूचना के मुताबिक राज्य में कुल 74,500 चापानल खराब पड़े हैं. जारी की गयी राशि से चापानलों की अनाबद्ध मरम्मत सुनिश्चित की जायेगी.
राज्य के वित्त और योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि सामान्य क्षेत्र व जनजातीय क्षेत्रीय उप योजना के तहत विभिन्न जिलों को राशि स्वीकृत कर दी गयी है. पेयजल की दृष्टि से अति संवेदनशील गिरिडीह जिले के लिए 15.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. वहीं, पलामू के लिए 14.7 करोड़ व गढ़वा के लिए 12.5 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की गयी है. राशि से पूर्व से स्वीकृत योजनाओं में दायित्वों का भुगतान करने व शेष राशि जिलों की महत्वपूर्ण योजनाओं पर व्यय करने का निर्देश दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना अनाबद्ध की राशि से ली जाने वाली योजनाओं की समीक्षा जिलों के उपायुक्त करेंगे.आवंटित राशि का 15 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में खर्च होगा
श्री किशोर ने कहा कि राज्य में व्याप्त पेयजल संकट को देखते हुए राज्य भर में खराब पड़े चापानलों की मरम्मत कराने के लिए पूर्व में विभागीय बैठक की गयी थी. बैठक में योजना सचिव मुकेश कुमार व अपर सचिव गरिमा सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों को युद्धस्तर पर चापानलों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया था. उसी के आलोक में जिलों को आवंटित राशि का न्यूनतम 15 प्रतिशत का व्यय पेयजल आपूर्ति से संबंधित योजनाओं पर किया जा सकेगा. साथ ही जिलों को कुल आवंटित राशि का 15 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में किया जायेगा. श्री किशोर ने कहा कि पेयजल संकट दूर करने के लिए उपायुक्त राशि के उपयोग की समीक्षा कर विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. गरमी के मौसम में जनता को जल संकट से बचाने के लिए युद्धस्तर पर राज्य में चापानल मरम्मत का कार्य किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है