रांची. सेरमा रेमा सेरमा बोंगा लीटा गोसाय हो… संताली गीत के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन बज रही थी और उस पर कलाकार बाहा नृत्य प्रस्तुत करते दिखे. मौका था बिरसा मुंडा संग्रहालय, जेल मोड़ में आयोजित कार्यक्रम सरहुल खेले चल का. इसका आयोजन झारखंड पर्यटन विभाग ने किया. इसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. साथ ही विभिन्न स्टॉल भी लगाये गये थे. जिसमें प्रतिभागी पारंपरिक उत्पाद बनाते नजर आये. इस मौके पर निदेशक पर्यटन अंजलि यादव, निदेशक भोर सिंह यादव, उपनिदेशक झारखंड पर्यटन राजीव कुमार सिंह और संयुक्त सचिव पर्यटन विभाग धर्मेंद्र दीक्षित आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में पद्मश्री मुकुंद नायक भी शामिल हुए.
पलायन पर नाटक की प्रस्तुति दी
बिरसा कला केंद्र के कलाकारों ने नाटक गोहाइर जतरा की प्रस्तुति दी. इसमें कलाकारों ने पलायन के विभिन्न आयामों को दिखाया. इसमें दिखाया गया कि कैसे झारखंड के लोग बड़े सपने को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं और अपनी कला व संस्कृति को भूल जाते हैं. जहां उनका शोषण भी होता है. इस नाटक के लेखक और निर्देशक दीपक लोहार हैं. इसमें कुल 36 कलाकार शामिल रहे.
बाहा नृत्य में दिखी संस्कृति
कला मंदिर जमशेदपुर के कलाकारों ने संताली गीत पर बाहा नृत्य प्रस्तुत किया. उनकी ही टीम ने सरफा नृत्य भी प्रस्तुत किया. इसमें लगभग 20 कलाकार शामिल रहे. वहीं कलाकारों ने सरहुल गीत पर पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी. इस मौके कई स्टॉल भी लगाये गये थे. जिसमें पारंपरिक झारखंडी व्यंजनों के स्टॉल, स्थानीय हस्तशिल्प एवं वस्त्रों के स्टॉल, तसर सिल्क का विशेष स्टॉल और सोहराई व पाइटकर पेंटिंग की प्रदर्शनी लगायी गयी थी.
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