रांची (प्रमुख संवाददाता). पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने कार्य अधूरा रहने के बावजूद संवेदक को पूर्ण भुगतान करने के आरोपी मेदिनीनगर प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है. विभागीय कार्यवाही के संचालन को लेकर रिटायर आइएएस सुनील कुमार को जांच अधिकारी बनाया गया है. वहीं प्रशाखा पदाधिकारी मारियानुस हेंब्रम को प्रस्तुतीकरण अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच पदाधिकारी को 105 दिनों में विभागीय कार्यवाही पूरी कर जांच प्रतिवेदन विभाग में समर्पित करने को कहा गया है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को मेदिनीनगर प्रमंडल में जल जीवन मिशन के तहत क्रियान्वित कलस्टर-15. कलस्टर-22, कलस्टर-41 और कलस्टर-86 में अनियमितता बरतने की शिकायत मिली थी. इसके बाद विभाग की ओर से कलस्टर-40, 41, 42 व 43 में जांच के लिए अलग-अलग जांच समिति का गठन किया गया. जांच के क्रम में अनियमितता बरतने का मामला सामने आया. इसके बाद तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा गया. इनका जवाब मिलने के बाद विभागीय अधिकारियों ने इसकी समीक्षा की. समीक्षा के दौरान कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता के खिलाफ एकरारनामा में वर्णित प्रावधानों के अनुसार योजनाओं की प्रगति व गुणवत्ता के अनुरूप भुगतान नहीं करने, बिना कार्य किये मापी पुस्तिका में गलत मापी दर्ज करने व कार्य अधूरा रहने के बावजूद संवेदक को पूर्ण भुगतान करने का आरोप प्रथम दृष्यता सही पाया गया. इसके बाद तत्कालीन अभियंता रामेश्वर गुप्ता को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की गयी.
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